उत्तराखंड

Uttarakhand Crime News: फर्जी चेक बनवाकर बैंक कर्मचारियों ने ही निकाले 13 करोड़ 51 लाख रुपए, मैनेजर और महिला कैशियर गिरफ्तार….

Uttarakhand Crime News: उत्तराखंड के उधम सिंह नगर की पुलिस ने बैंक कर्मचारियों द्वारा किए गए घोटाले का बड़ा खुलासा किया है. इंडसइंड बैंक की रुद्रपुर शाखा....

उत्तराखंड,Uttarakhand Crime News: उत्तराखंड के उधम सिंह नगर की पुलिस ने बैंक कर्मचारियों द्वारा किए गए घोटाले का बड़ा खुलासा किया है. इंडसइंड बैंक की रुद्रपुर शाखा के मैनेजर और महिला कैशियर को गिरफ्तार कर लिया गया है. बताया जा रहा है कि रुद्रपुर शाखा के मैनेजर और महिला कैशियर ने 13 करोड़ 51 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है. हैरान करने वाली बात यह है कि आरोपियों ने फर्जी चेक बनाकर सरकारी खाते से करोड़ों रुपये निकाल लिए. उसकी हरकतों से पुलिस भी हैरान रह गई.

Uttarakhand Crime News: ऐसे हुआ मामले का खुलासा

Uttarakhand Crime News जानकारी के अनुसार, बैंक मैनेजर देवेंद्र सिंह और कैशियर प्रियम सिंह ने एसएलओ (स्टेट लेवल ऑफिसर) के सरकारी खाते से फर्जी चेक के जरिए यह ठगी की। उन्होंने कलर पेपर पर चेक प्रिंट करके इसे असली चेक की तरह इस्तेमाल किया। घटना का खुलासा तब हुआ जब सरकारी अधिकारी कौस्तुभ मिश्रा ने बैंक खाते की जांच की। शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आरोपी ने चेक बनाकर रंगीन कागज पर प्रिंट कराकर एसएलओ के सरकारी खाते से करोड़ों रुपये का गबन किया था. गबन के इस मामले में एसएलओ कौस्तुभ मिश्रा की शिकायत के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. अब जांच के बाद पुलिस ने बैंक मैनेजर देवेंद्र पुत्र होशियार निवासी कुंडेश्वरी काशीपुर और कैशियर प्रिया सिंह पत्नी रजत निवासी आवास विकास रुद्रपुर को गिरफ्तार कर लिया है।

Uttarakhand Crime News: आरोपियों ने दिया था इस्तीफा

गबन के बाद मैनेजर देवेंद्र सिंह और कैशियर प्रियम सिंह ने बैंक से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन पुलिस ने जांच के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस ने बैंक कर्मचारियों और अन्य लोगों से पूछताछ जारी रखी है ताकि इस घोटाले के और भी पहलुओं का पता चल सके।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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