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Mahalakshmi Murder Case: बेंगलुरु मर्डर केस में बड़ा अपडेट, हत्यारे ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, हत्या के बाद महालक्ष्मी को 59 टुकड़ों में काटा गया

Mahalakshmi Murder Case: कर्नाटक के बेंगलुरु के महालक्ष्मी हत्याकांड से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। इस हत्याकांड के मुख्य संदिग्ध मुक्ति रंजन राय का शव उड़ीसा के भद्रक इलाके में लटका हुआ मिला है....

बेंगलुरु,Mahalakshmi Murder Case: कर्नाटक के बेंगलुरु के महालक्ष्मी हत्याकांड से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। इस हत्याकांड के मुख्य संदिग्ध मुक्ति रंजन राय का शव उड़ीसा के भद्रक इलाके में लटका हुआ मिला है. शव के पास से एक बैग, नोटबुक और स्कूटर बरामद हुआ है. सुसाइड नोट में उसने महालक्ष्मी की हत्या करने की बात भी कबूल की है. सेंट्रल बेंगलुरू के डीसीपी ने शेखर एच टेक्कनवार ने इसकी जानकारी दी है।

Mahalakshmi Murder Case: दरअसल, बेंगलुरु पुलिस को सूचना मिली थी कि महालक्ष्मी की 50 से ज्यादा टुकड़े करने वाला आरोपी

मुक्तिरंजन अलग-अलग लोकेशन बदलते हुए ओडिशा पहुंच गया है। सूचना के आधार पर ही बेंगलुरु पुलिस की टीम आरोपी को पकड़ने के लिए ओडिशा गई थी। पुलिस को आरोपी तो मिला लेकिन वो जुर्म कबूल करने के लिए जिंदा नहीं था। उनका शव फांसी के फंदे से लटका मिला। मौके पर पहुंची पुलिस को शव के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें आरोपी ने महालक्ष्मी के कत्ल करने का जुर्म कबूल किया है। उन्हें सुसाइड नोट में लिखा है कि हत्या करके उन्होंने गलती की है।

बता दें कि बेंगलुरु के व्यालीकवल इलाके में मौजूद तीन मंजिला घर की पहली मंजिल पर महालक्ष्मी रहा करती थी

महालक्ष्मी के कमरे से 21 सितंबर को फ्रिज और कमरे में बिखरे उसी की लाश के टुकड़े मिले थे। अंदेशा है कि महालक्ष्मी का क़त्ल करीब 19 दिन पहले हुआ था। महालक्ष्मी के कमरे में पुलिस को एक ट्रॉली बैग भी रखा मिला है। बेंगलुरु पुलिस सूत्रों के मुताबिक बहुत मुमकिन है कि कातिल ने लाश के टुकड़ों को उसी बैग में रख कर कहीं बाहर ठिकाने लगाने की साजिश रची थी। पर चूंकि ये इलाका काफी भीड़भाड़ वाला है, इसीलिए उसे लाश के टुकड़ों को ठिकाने लगाने का शायद मौक़ा नहीं मिला।

 

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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