धमतरी

Dhamtari Shadow Officer: एक दिन के लिए अधिकारी बने यहां के 202 छात्र, कलेक्टर से लेकर एसपी के साथ मिलकर किया काम

Dhamtari Shadow Officer: स्कूली बच्चों में प्रशासनिक समझ विकसित करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में बाल दिवस के अवसर पर धमतरी छाया अधिकारी अभिनव प्रयास किये गये.....

धमतरी, Dhamtari Shadow Officer:  स्कूली बच्चों में प्रशासनिक समझ विकसित करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में बाल दिवस के अवसर पर धमतरी छाया अधिकारी अभिनव प्रयास किये गये. मंगलवार को जिले के 202 स्कूली बच्चे कलेक्टर, एसपी, जिला पंचायत सीईओ समेत अन्य विभागों के अधिकारियों की भूमिका में नजर आये. शहरी विकासखंड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक  विद्यालय ग्राम सांकरा में कक्षा बारहवीं में पढ़ने वाले प्रवीण कुमार साहू शैडो कलेक्टर बनाया गया। वहीं शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ग्राम मरौद के छात्र हर्ष कुमार अपर कलेक्टर की जिम्मेदारी दी गई। शासकीय स्कूल मरौद के छात्र मोहनीश कुमार जांगड़े एसपी की भूमिका में नजर आए।

Dhamtari Shadow Officer दरअसल, धमतरी जिला अपने नवाचार को लेकर इन दिनों चर्चा में हैं

बाल दिवस के मौके पर जिले में ऐसा ही नवाचार किया गया। विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाने और उन्हें जिला-विकासखंड स्तरीय अधिकारी के कर्तव्यों से अवगत कराने एक दिन के लिए शैडो ऑफिसर बनाया गया। हालांकि इनमें चारों ब्लॉक के चुनिंदा विद्यार्थियों को ही मौका दिया गया। शैडो प्रशासनिक अधिकारी बनाए गए बच्चे मंगलवार को निर्धारित समय में कलेक्ट्रेट सहित अपने-अपने जिम्मेदारी वाले दफ्तरों में पहुंचे और कार्यों का निरीक्षण किया। अधिकारियों के बगल में बैठकर कामों को बारीकी से जाना और परखा। शैडो अधिकारी बने छात्रों का कहना था कि हमें अधिकारियों से मिलकर उनके कार्यों को देखकर जाना ओर एक शानदार अनुभव हुआ जो आगे काम आएगा।

ये छात्र भी बने एक दिन के लिए अधिकारी

मिली जानकारी के अनुसार शासकीय उमावि मरौद के हर्ष कुमार शैडो अपर कलेक्टर, भोथली की युक्ति साहू डीईओ, रुद्री की दामिनी नेताम सीएमएचओ, शिव सिंह वर्मा स्कूल की रिया मोरे संयुक्त कलेक्टर, सेजेस बठेना की सौम्या मौर्या डिप्टी कलेक्टर, मॉडल स्कूल की तनिशा जैन डिप्टी कलेक्टर, आकांक्षा यदु शैडो उप पुलिस अधीक्षक, सेजेस कंडेल के दीपांशु यादव उप संचालक कृषि बनाए गए थे।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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