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EOW Raid At Aijaz Dhebar: अब मेयर एजाज ढेबर होंगे गिरफ्तार? महापौर एजाज ढेबर के घर पहुंची 16 अधिकारियों की टीम

चुनावी मौसम के बीच छत्तीसगढ़ में ईओडब्ल्यू और एसीबी की जोरदार कार्रवाई जारी है. पिछले कुछ दिनों से ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीमें शराब और कोयला घोटाले के सिलसिले में कई अधिकारियों और नेताओं के घरों पर छापेमारी कर चुकी हैं

रायपुर, EOW Raid At Aijaz Dhebar: चुनावी मौसम के बीच छत्तीसगढ़ में ईओडब्ल्यू और एसीबी की जोरदार कार्रवाई जारी है. पिछले कुछ दिनों से ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीमें शराब और कोयला घोटाले के सिलसिले में कई अधिकारियों और नेताओं के घरों पर छापेमारी कर चुकी हैं. इसी कड़ी में खबर आ रही है कि शुक्रवार को रायपुर मेयर एजाज ढेबर के ठिकानों पर ईओडब्ल्यू और एसीबी के अधिकारियों ने छापेमारी की. बताया जा रहा है कि ईओडब्ल्यू ने रायपुर मेयर एजाज ढेबर के साथ अख्तर ढेबर और जुनैद ढेबर के घर पर भी छापेमारी की है. ईओडब्ल्यू और एसीबी की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद जल्द ही ऐसा होने की बात कही जा रही है

मिली जानकारी के मुताबिक EOW की टीम ने मेयर अजाज ढेबर के भाई अख्तर ढेबर

हनीफ और अनवर ढेबर के घर और संस्थानों पर भी छापेमारी की. इसके साथ ही अनवर के बेटों ने जेल रोड स्थित वेनिंगटन कोर्ट पर भी धावा बोल दिया. ईओडब्ल्यू की जांच की आंच अब ढेबर बंधुओं के परिवार वालों तक भी पहुंच गई है. ईओडब्ल्यू सूत्रों के मुताबिक, अब ढेबर परिवार की रायपुर जेल रोड स्थित होटल, वीआईपी चौक स्थित फार्म हाउस, जमीन, नेताजी सुभाष स्टेडियम के पास वीसी शुक्ला चौक पर बिल्डिंग, मुंबई और दिल्ली की संपत्तियों की भी जांच की जा रही है।

गुरुवार को आबकारी विभाग के पूर्व सचिव अरुणपति (एपी) त्रिपाठी को गिरफ्तार किया गया

दूसरी ओर शुक्रवार को एसीबी और ईओडब्ल्यू की गिरफ्त में आए अरुणपति त्रिपाठी के साथ कारोबारी अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को कोर्ट पेश किया गया। बताया जा रहा है कि अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को तीसरी बार रिमांड पर लेने की पूरी तैयारी की गई है, क्योंकि बिहार से अरुणपति त्रिपाठी की गिरफ्तारी के बाद उसे भी रिमांड पर लिया जाएगा। तीनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करने के संकेत अधिकारियों ने दिए है। गुरुवार को आबकारी विभाग के पूर्व सचिव अरुणपति (एपी) त्रिपाठी को गिरफ्तार किया गया। त्रिपाठी, बिहार के गोपालगंज के भोरे में अपने एक रिश्तेदार के यहां छिपे थे।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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