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Ram Van Path Gaman: मध्य प्रदेश में ‘राम वन गमन पथ’ को लेकर सीएम मोहन यादव करेंगे समीक्षा बैठक….

Ram Van Path Gaman: लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद सीएम मोहन यादव लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं.

मध्यप्रदेश, Ram Van Path Gaman: लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद सीएम मोहन यादव लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं. शुक्रवार को वह ‘राम वन गमन पथ’ (Ram Van Path Gaman) को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे, जिसमें कुछ अहम फैसले लिए जा सकते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि मोहन सरकार एक बार फिर राज्य के सबसे बड़े आध्यात्मिक प्रोजेक्ट श्री राम वन गमन पथ पर फोकस करेगी. इसके अलावा कुछ अहम प्रस्तावों पर भी चर्चा हो सकती है.

सीएम मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार ‘राम वन गमन पथ’ के अलावा कई अन्य कार्यों पर भी ध्यान देगी. अब राज्य के स्कूल-कॉलेजों में भी भगवान श्रीराम और कृष्ण का पाठ पढ़ाया जाएगा. क्योंकि बच्चों और विद्यार्थियों को राम और कृष्ण का मार्ग दिखाना जरूरी है। इसलिए जल्द ही राज्य के सभी स्कूलों और कॉलेजों में श्री राम और कृष्ण का पाठ पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा.

स्कूल-कॉलेजों में पढ़ाया जाएगा श्री राम और कृष्ण का पाठ (Ram Van Path Gaman)

सीएम मोहन यादव ने कहा, ‘मध्य प्रदेश सरकार ने राम गमन पथ और श्री कृष्ण पथ गमन को अपने हाथ में ले लिया है, सरकार ने भगवान राम और कृष्ण द्वारा देखे गए प्रत्येक स्थान की पहचान करने और उन्हें तीर्थ स्थलों के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। सीएम ने कहा कि यह हमारे घोषणापत्र में भी है और हम इस पर काम कर रहे हैं. भगवान कृष्ण और राम के जीवन को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. उच्च शिक्षा और स्कूल शिक्षा विभाग के पाठ्यक्रमों में राम और कृष्ण को पढ़ाया जाएगा।’ हमारे घोषणा पत्र में शामिल सभी विषयों पर सरकार लगातार काम कर रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि ‘राम वन गमन पथ’ अब फिर से रफ्तार पकड़ सकता है.

मोहन सरकार ने पहले ही कुछ जिलों का चयन ‘राम वन गमन पथ’ के लिए कर लिया था. राम वन गमन पथ के लिए प्रदेश के दस जिलों सतना, विदिशा, होशंगाबाद, जबलपुर, कटनी, शहडोल, अनूपपुर, पन्ना, उमरिया और रीवा का चयन किया गया है। इन स्थानों पर भगवान श्री राम से जुड़े सभी तीर्थ स्थलों को विकसित करने का काम किया जाएगा। इसके लिए सर्वे भी शुरू हो गया है। पिछली सरकारों में भी इस मुद्दे पर काम हुआ है. लेकिन पिछले एक दशक से इस पथ के निर्माण में कई तरह का मामला फंसा हुआ है.

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