रायपुर
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Amit Shah in Chhattisgarh Visit: केंद्रीय गृह मंत्री शाह के रोडमैप के कारण छत्तीसगढ़ में तेजी से सिमट रहा है नक्सलवाद, हर माह 21 नक्सली मारे जा रहे हैं।

Amit Shah in Chhattisgarh Visit: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के तीन साल में नक्सलियों को पूरी तरह से खत्म करने के रोडमैप का असर छत्तीसगढ़ में सात महीने के....

रायपुर, Amit Shah in Chhattisgarh Visit:  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के तीन साल के भीतर नक्सलियों को पूरी तरह से खत्म करने के रोडमैप का असर करीब सात महीने में ही दिखने लगा है। छत्तीसगढ़ में जवानों ने हर महीने औसतन 21 नक्सलियों को मार गिराया. पिछले सात महीनों में छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियानों में 147 नक्सली मारे गए हैं. 648 नक्सली गिरफ्तार किये गये हैं और 1200 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. आत्मसमर्पित नक्सलियों को मुख्य धारा में जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार की पुनर्वास नीति योजना का मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार की तरफ से लाभ दिया गया है।

उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा लगातार नक्सली इलाकों का दौरा कर रहे हैं. इस दौरान 32 नये सुरक्षा शिविर खोले गये हैं. इससे 50 गांवों को नक्सलियों से मुक्ति मिल गयी. इन गांवों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए “नियाद नेल्लानार योजना” चलाई जा रही है। गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि सरकार फिलहाल 29 नये कैंप खोलने जा रही है.

एंटी नक्सल ऑपरेशन के रोडमैप पर फिर मंथन

शाह ने 21 जनवरी 2024 को राजधानी रायपुर में एंटी नक्सल ऑपरेशन के रोडमैप को अंतिम रूप देते हुए साफ कर दिया था कि नक्सली अब एक हारी हुई लड़ाई लड़ रहे हैं और इनसे देश को पूरी तरह निजात दिलाने का समय आ गया है। शाह फिर 23 से 25 अगस्त तक छत्तीसगढ़ में रहेंगे। 24 अगस्त को नक्सल प्रभावित नौ राज्यों के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के अलावा पैरामिलिट्री फोर्स के डीजी के साथ नक्सलवाद को लेकर बैठक करेंगे। इसके पहले 23 अगस्त की शाम प्रदेश मुख्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में पार्टी के चुनिंदा नेताओं के साथ बैठक करेंगे।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से हाल ही में संसद में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक नौ राज्यों के 38 जिले शामिल हैं। इसमें आंध्र प्रदेश राज्य का एक जिला, छत्तीसगढ़ के 15, झारखंड के पांच, केरल के दो, मध्यप्रदेश के तीन , महाराष्ट्र के दो, ओडिशा के सात, तेलंगाना के दो और पश्चिम बंगाल का एक जिला शामिल है। 25 अगस्त को सहकारिता विभाग की बैठक लेने के बाद उनका प्रदेश दौरा खत्म होगा।

दायरा सिमटा फिर भी छत्तीसगढ़ नंबर वन पर

छत्तीसगढ़ समेत देशभर में नक्सलवाद का दायरा सिमट रहा है। वर्ष 2015 में देशभर के 11 राज्यों में से 106 जिले नक्सल प्रभावित थे। अभी नौ राज्यों में से 38 जिले में नक्सलियों का प्रभाव है। इनमें से 15 जिले छत्तीसगढ़ के हैं जाे कि सर्वाधिक है। इनमें बीजापुर, बस्तर, दंतेवाडा, धमतरी, गरियाबंद, कांकेर, कोंडागांव, महासमुंद और नारायणपुर अधिक प्रभावित क्षेत्र हैं। इसके अलावा राजनांदगांव, मोहल्ला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, खैरागढ़-छुईखदान- गंडई, सुकमा, कबीरधाम और मुंगेली भी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आता है।

क्या है अमित शाह का रोडमैप?

शाह के रोडमैप में नक्सली गतिविधयों को रोकने के लिए विशेष रणनीति बनाई है। इसमें नक्सलियों के बड़े कमांडरों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष जवानों की तैनाती, ग्रामीणों को विश्वास में लेकर बड़े नेताओं को लक्ष्य बनाना, नक्सलियों के मूवमेंट की जानकारी रखने के लिए राज्य और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के नेटवर्क को मजबूत करना, नक्सलियों के वित्तीय तंत्र को ध्वस्त करने के लिए विभिन्न राज्यों की सीमाओं पर निगरानी रखना, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से लेकर जिला स्तर तक के जवानों व अधिकारियों को नक्सलियों पर कार्रवाई के लिए स्वतंत्र निर्णय लेने की छूट देने समेत अन्य शामिल है।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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