बिलासपुर

Atal Bihari Vajpayee University: सेंट्रल यूनिवर्सिटी में सदस्यता अभियान का विरोध, छात्रों को पीटकर ले गई पुलिस

Atal Bihari Vajpayee University: पुलिस तीन छात्रों नीरज यादव, सौरभ दुबे और प्रतीक राजपूत को थाने ले आई। छात्रों ने पुलिस पर धक्का देने और मारपीट करने का आरोप लगाया. इधर पुलिस ने भी छात्रों पर बदसलूकी का आरोप लगाया है.

बिलासपुर, Atal Bihari Vajpayee University: अटल बिहारी वाजपेई यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को कुछ छात्र एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) के सदस्यता अभियान का विरोध करते हुए कुलपति के चैंबर के सामने पहुंच गए. इस बीच विश्वविद्यालय प्रबंधन की सूचना पर पहुंची पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हो गई। इसके बाद पुलिस ने तीन छात्रों को गिरफ्तार कर लिया को पीटते हुए थाने ले गई। इसकी सूचना पर बड़ी संख्या में छात्र कोनी थाने पहुंच गए। इसके बाद छात्रों को छोड़ने की मांग को लेकर थाने के सामने नारेबाजी की गई। देर शाम तक पकड़े गए छात्रों को छोड़ दिया गया।

 Atal Bihari Vajpayee University: एबीवीपी के सदस्यता अभियान का विरोध

अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय में शुक्रवार को एबीवीपी के पदाधिकारी संगठन का सदस्यता अभियान चला रहे थे। इसी दौरान पदाधिकारी यूटीडी में गए। इस दौरान वहां पर छात्र पढ़ाई कर रहे थे। एबीवीपी के सदस्यता अभियान का वहां पढ़ रहे छात्रों ने विरोध किया। इसके बाद भी एबीवीपी के सदस्य वहां अपना काम कर रहे थे। इसका विरोध करते हुए छात्र कुलपति के चेंबर तक पहुंच गए। यहां छात्रों ने चेंबर के सामने प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की।

Atal Bihari Vajpayee University: पुलिस और छात्रों के बीच झूमाझटकी

हंगामा बढ़ते देख विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कोनी पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस के पहुंचते ही छात्र उग्र हो गए। छात्रों ने कहा कि यूटीडी कैंपस में एबीवीपी द्वारा सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है। जिससे छात्रों को पढ़ाई में व्यवधान हो रहा है। छात्रों पर सदस्यता लेने दबाव बनाया जा रहा है। जवानों ने छात्रों को समझाइश देकर शांत कराना चाहा। इस पर छात्र नेताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस और छात्रों के बीच झूमाझटकी हुई। इसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए हंगामा कर रहे छात्रों को बाहर खदेड़ दिया।

 

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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