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Bangladesh Violence: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार से नाराज संतों ने निकाला विरोध मार्च, कहा- ‘अब ओम शांति का नहीं, ओम क्रांति का वक्त है’

Bangladesh Violence: बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाने और हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में अयोध्या के संत और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर....

अयोध्या, Bangladesh Violence:  बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाने और हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में अयोध्या के संत और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए और जमकर नारेबाजी की. अयोध्या के राम पथ पर करीब 2 किलोमीटर लंबा मार्च निकालकर हिंदुओं को जागरूकता संदेश दिया गया. साथ ही यह चेतावनी भी दी गई कि अगर हिंदुओं पर अत्याचार नहीं रुके तो रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में रहने नहीं दिया जाएगा.

Bangladesh Violence:  दरअसल, बांग्लादेश में हमारे मंदिरों को तोड़ा जा रहा है और अत्याचार हो रहा है जिसे हम अब बर्दाश्त नहीं करेंगे

अगर ये हमारे हिंदुओं को मारेंगे तो हम भी इन रोहिंग्या मुसलमानों को मारकर भगा देंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा, अब समय ओम क्रांति का नहीं, ओम शांति का है. अगर वह बदले की भावना से हमारे साथ रहेगा तो हम भी उसके साथ उसी आनंद से रहेंगे। अब याचना नहीं, रण होगा, युद्ध बड़ा भीषण होगा।

विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में अयोध्या के साधु संतों ने मार्च निकाला है

जिस प्रकार से बांग्लादेश में हिंदुओं को मारा जा रहा है बहन बेटियों की इज्जत लूटी जा रही है। मठ मंदिर तोड़े जा रहे हैं। विरोध में बांग्लादेशी होश में आओ नहीं तो हिंदुस्तान में रहने वाले बांग्लादेशी घुसपैठियों के साथ में भी हम ऐसा व्यवहार करेंगे। दिगंबर अखाड़ा निर्मोही अखाड़ा और निवाड़ी अखाड़ा तीनों साथ में है और देश के साधु संतों से भी अपील करते हैं कि सब लोग अब सड़क पर आए और मुंह तोड़कर जवाब दें जिस प्रकार से वहां पर हिंदुओं को मारा जा रहा है उसी प्रकार से हिंदुस्तान में भी रोहंगिया मुसलमान को नहीं रहने देंगे।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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