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Bihar Bridge Collapse: बिहार में एक और पुल टूटने की घटना सामने आई, 13 दिन में 6 ब्रिज हुए धराशाही…

Bihar Bridge Collapse: बिहार में पुल टूटने की एक और घटना सामने आई है. गंडकी नदी पर बना पुल अचानक ध्वस्त हो गया, जिससे एक दर्जन गांवों का संपर्क टूट गया है. इससे पहले भी 29 जून तक बिहार में 9 दिनों के अंदर 5 पुल ढह गए थे.

बिहार, Bihar Bridge Collapse: मॉनसून की एंट्री के साथ ही बिहार एक बार फिर सुर्खियों में है. भारी बारिश के बीच बिहार में एक के बाद एक पुल टूटने की घटनाएं (Bihar Bridge Collapse) सामने आ रही हैं. सीवान जिले में आज फिर एक पुल टूट गया है. बिहार की गंडकी नदी पर बना पुल अचानक गिर गया और देखते ही देखते पुल का मलबा नदी में बह गया। आपको बता दें कि यह पुल बिहार के महाराजगंज में स्थित था। यह पुल देवरिया पंचायत के पास बहने वाली गंडकी नहर (गंडकी नदी) पर बनाया गया था। लेकिन, आज सुबह करीब 5 बजे पुल का एक पिलर गंडकी नदी में डूब गया. इससे पुल का आधा हिस्सा गिरकर टूट गया और पुल का मलबा नदी में बहने लगा. इस पुल के ढहने से यातायात बाधित हो गया है.

ग्रामीणों ने किया था विरोध प्रदर्शन (Bihar Bridge Collapse) 

स्थानीय लोगों के मुताबिक, भारी बारिश के कारण गंडकी नदी उफान पर है. ऐसे में तेज बहाव के कारण पुल का एक हिस्सा जमीन में धंस गया. देवरिया और भीखा बांध गांव की सीमा पर स्थित यह पुल पहले से ही काफी जर्जर हालत में था. 22 जून को ग्रामीणों ने पुल के विरोध में प्रदर्शन किया था. ग्रामीणों की आवाज पर प्रशासन जागा और पुल की मरम्मत शुरू करायी गयी. पुल की मरम्मत अभी भी चल रही थी. लेकिन इसी बीच पुल नदी में डूब गया.

आपको बता दें कि इससे पहले 22 जून को गंडकी नदी पर बना एक पुल पानी में बह गया था. बिहार के गरौली से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह विशाल पुल अचानक टूट गया. ग्रामीणों का कहना है कि गंडकी नदी से आने वाली नहर की सफाई करायी गयी थी. इस दौरान जेसीबी की मदद से नहर की मिट्टी काटकर किनारों को चौड़ा किया गया। ऐसे में पानी के तेज बहाव के कारण पुल जमीन में धंस गया.

एक दर्जन गांवों का संपर्क टूटा

इस पुल के ध्वस्त होने से एक दर्जन गांवों का महाराजगंज मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुल की जर्जर हालत के बारे में उन्होंने कई बार प्रशासन को जानकारी दी थी. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. 22 जून को विरोध के बाद जब प्रशासन जागा तो पुल ध्वस्त हो चुका था.

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