CG Begins RTE Admission: इस साल भी आरटीई की आठ हजार से ज्यादा सीटें खाली रह गईं, 46 हजार छात्रों ने दाखिला लिया।
CG Begins RTE Admission: इस साल भी शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद 8,000 से अधिक सीटें खाली रह गईं। छत्तीसगढ़ में आरटीई के तहत कुल 54,668 सीटें उपलब्ध थीं, जिनमें से 46,130 पर ही प्रवेश हो सका। शेष 8,538 सीटें खाली रह गईं, जबकि एक लाख 22 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए।
CG Begins RTE Admission:
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश लेने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। पिछले साल की तरह इस बार भी आठ हजार से ज्यादा सीटें खाली हैं. प्रदेश में आरटीई के तहत दो चरणों में प्रवेश हो चुका है। जबकि आरटीई की प्रदेश भर में 54,668 सीटें हैं। जहां 46,130 छात्र नामांकित हैं. वहीं, 8,538 सीटों पर एडमिशन नहीं हुआ है. इस वर्ष एक लाख 22 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए। अभी भी सीटें नहीं भरी हैं। यानी सीटों के लिए दोगुनी संख्या में आवेदन आने के बाद यह स्थिति पैदा हुई है.
दरअसल, राज्य के 33 जिलों में 6,751 निजी स्कूल हैं. जहां वर्तमान में 3,26,798 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। सत्र 2024-25 के लिए निजी स्कूलों में प्रवेश और स्कूल प्रवेश के लिए पहले चरण की लॉटरी 20 मई से 30 जून तक चली। जहां 24 जुलाई तक नोडल अधिकारियों द्वारा दस्तावेजों की जांच, 26 जुलाई से 31 अगस्त तक लॉटरी और आवंटन, 2 अगस्त से 14 अगस्त तक स्कूल प्रवेश प्रक्रिया हुई।
उधर, शिक्षा विभाग ने आरटीई के तहत प्रवेश देने के लिए लॉटरी सिस्टम लागू कर दिया है। इसके तहत निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत प्रवेश देना अनिवार्य है। इधर, रायपुर जिले के करीब 800 निजी स्कूलों में छह हजार आरटीई सीटें आरक्षित हैं। इसमें करीब एक हजार सीटें खाली रह गई हैं।
32 हजार से अधिक आवेदन हुए निरस्त
आरटीई के तहत प्रवेश के लिए एक लाख 22 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 32 हजार से ज्यादा बच्चों के आवेदन खारिज कर दिए गए. इसका सबसे बड़ा कारण यह सामने आया है कि अधिकतर आवेदन बच्चों की उम्र के कारण खारिज कर दिये गये हैं. इसके अलावा आधार कार्ड, गरीबी रेखा सर्वे सूची समेत अन्य दस्तावेजों की कमी के कारण अधिकतर फॉर्म रद्द कर दिये गये हैं. पिछले साल 80 हजार से ज्यादा आवेदन मिले थे.
माता-पिता की प्राथमिकता अंग्रेजी माध्यम स्कूल
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने कहा कि सीटें खाली रहने का मुख्य कारण अंग्रेजी माध्यम स्कूल अभिभावकों की प्राथमिकता है। इसके चलते हर साल की तरह इस बार भी आठ हजार से ज्यादा सीटें खाली रह गई हैं। इनमें से ज्यादातर हिंदी मीडियम स्कूलों से हैं। दूसरा कारण यह है कि प्रदेश में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल खुलने के बाद निजी स्कूलों में आरटीई के तहत प्रवेश कम हो रहे हैं।