Chaitra Navratri 2024: रायपुर के देवी मंदिरों में चमकेंगी 50 हजार से ज्यादा जोत, जानें घटस्थापना के शुभ मुहूर्त से लेकर हर दिन क्या चढ़ाएं
8 अप्रैल की रात 11 बजे से नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि शुरू हो रही है. उदया तिथि को महत्व दिए जाने के कारण 9 अप्रैल को सुबह से देवी मंदिरों और घर-घर में घट स्थापना की जाएगी।
आस्था एवं धार्मिक,Chaitra Navratri 2024: 8 अप्रैल की रात 11 बजे से नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि प्रारंभ हो रही है। उदया तिथि को महत्व दिए जाने के कारण 9 अप्रैल को सुबह से देवी मंदिरों और घर-घर में घट स्थापना की जाएगी। राजधानी के 10 से ज्यादा देवी मंदिरों में मशाल जलाने की तैयारी जोरों पर की जा रही है. अनुमान है कि विभिन्न देवी मंदिरों में 50 हजार से अधिक दीप जगमगाएंगे।
सर्वाधिक 10 हजार से अधिक मशालें पुरानी बस्ती के महामाया मंदिर में जलाई जाएंगी। मंदिर के चार बड़े कक्षों में तांबे के कलशों को सजाने और बाती और तेल भरने का काम शुरू हो गया है. मंदिर में दीपक जलाने के लिए पंजीकरण 8 अप्रैल रात 8 बजे तक ही किया जा सकेगा।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से भक्तों को राहत
महामाया मंदिर में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होने से भक्तों को लंबी कतारों में नहीं लगना पड़ रहा है। महामाया मंदिर ट्रस्ट रायपुर के नाम से श्रद्धालु घर बैठे ऑनलाइन भुगतान कर रहे हैं। पिछले साल तक मंदिर में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता था, इस साल मंदिरों में भीड़ नहीं है, लेकिन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और भुगतान जोरों पर हो रहा है.
रजिस्ट्रेशन का आज आखिरी दिन,
पुरानी बस्ती के महामाया मंदिर, आकाशवाणी काली मंदिर, रावणभाठा बंजारी मंदिर, ब्राह्मणपारा कंकाली मंदिर, अमीनपारा और आमापारा के शीतला मंदिर, कुशालपुर के दंतेश्वरी मंदिर, समता कॉलोनी के गायत्री मंदिर, माना रोड के मां त्रिपुर सुंदरी मंदिर, चूड़ी लाइन के शनि मंदिर, बंधवारा के सतबहिनिया मंदिर समेत अन्य देवी मंदिरों में 8 अप्रैल की रात मंदिर बंद होने तक रजिस्ट्रेशन होगा.
ऐसे करें घट स्थापना
महामाया मंदिर के पुजारी पं.मनोज शुक्ला के अनुसार जिस जगह पर घट स्थापना करना हो, उसे गोबर से लीपकर अथवा गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें। मिट्टी, तांबा अथवा चांदी के कलश में जल भरकर, लौंग, साबुत हल्दी, इलायची, पान, आम का पत्ता, सिक्का, अक्षत डालकर इसके उपर सकोरा में तेल, बाती रखें। जंवारा बोने के लिए जौ, गेहूं, मिट्टी का कलश रखें। रोली से स्वास्तिक बनाएं। विधिवत पूजन करके जोत प्रज्वलित करें। लोहा, स्टील का बर्तन उपयोग में न लाएं: ऐसी मान्यता है कि कलश स्थापना करने से घर में सुख, समृद्धि बढ़ती है। घट स्थापना चांदी, मिट्टी या तांबे के कलश में ही करना चाहिए। लोहा, स्टील अथवा अन्य धातु के बर्तन का उपयोग न करें।
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि आठ अप्रैल की रात्रि 11.50 बजे से प्रारंभ हो रही है, जो नौ अप्रैल को रात्रि 8.30 बजे तक विद्यमान रहेगी। उदयातिथि की नवरात्रि सुबह ब्रह्म मुहूर्त से मनाई जाएगी।
शुभ काल – सुबह – 6.02 से 10.16 बजे तक l
अभिजीत मुहूर्त – 11.57 से दोपहर 12.48 बजे तकl
प्रतिदिन अलग-अलग वस्तुओं का लगाएं भोग
– प्रतिपदा पर प्रथम शैलपुत्री को केला अर्पित करें।
– द्वितीया पर ब्रह्मचारिणी को शुद्ध घी से बने व्यंजन का भोग लगाएं।
– तृतीया पर चंद्रघंटा को नमकीन और मक्खन का भोग लगाएं।
– चतुर्थी पर माता कूष्मांडा को मिश्री अर्पित करें।
– पंचमी पर स्कंदमाता को खीर, दूध अर्पित करें।
– षष्ठी पर देवी कात्यायनी को मालपुआ का भोग लगाएं।
– सप्तमी पर देवी कालरात्रि को शहद चढ़ाएं।
– अष्टमी पर महागौरी को मिठाई, गुड़, नारियल अर्पित करें।
– नवमीं पर देवी सिद्धिदात्री को पुड़ी, हलवा, चना अर्पित करें।