महासमुंद

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में धान खरीदी में बड़ी हेर-फेरी, 14 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज…..

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी में गड़बड़ी, करोड़ों रुपए का गबन, इनके खिलाफ दर्ज हुआ मामला...

महासमुंद, Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में धान खरीदी में बड़ा फर्जीवाड़ा (Chhattisgarh News) सामने आया है. मिली जानकारी के मुताबिक पता चला है कि करोड़ों रुपये का धान फर्जी तरीके से खरीदा गया है. बताया जा रहा है कि 02 एकड़ 45 डिसमिल जमीन वाले किसान ने 426 क्विंटल धान बेचा है. कई किसानों के नाम पर करीब 250 से 300 एकड़ फर्जी रकबा दर्ज कर उस पर धान खरीद लिया गया. इसकी जानकारी जैसे ही अधिकारियों को हुई तो हड़कंप मच गया। मामले को लेकर कई लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है.

02 एकड़ 45 डिसमिल जमीन वाले किसान ने 426 क्विंटल धान बेचा गया (Chhattisgarh News)

मामला महासमुंद जिले में फर्जी धान खरीदी से जुड़ा है. यहां फर्जी तरीके से करोड़ों का धान खरीदा गया है. 02 एकड़ 45 डिसमिल जमीन वाले किसान ने 426 क्विंटल धान बेचा है. इस समिति में कई किसानों के नाम पर करीब 250 से 300 एकड़ फर्जी रकबा दर्ज था, जिस पर धान खरीदा गया था. सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में धान खरीदी वर्ष 2023-24 हेतु शासन द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर धान 01 नवम्बर 2023 से 07 फरवरी 2024 तक क्रय किया गया।

दरअसल, महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लॉक के प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति जदरामुड़ा और पिरदा में धान खरीदी में अनियमितता सामने आई है. इन दोनों क्रय केंद्रों पर 6 करोड़ 44 हजार रुपये से अधिक का घपला किया गया है. इस समिति के कर्मचारियों ने धान खरीदी के लिए फर्जी तरीके से अपने परिचितों और रिश्तेदारों के खेतों का रकबा बढ़ा दिया और इस फर्जी रकबे में करोड़ों का धान खरीदा गया. जबकि उनके पास इतनी कृषि भूमि नहीं है. यहां तक ​​कि अन्य गांवों, अन्य समितियों, अन्य लोगों की कृषि भूमि को भी उनके परिचितों और रिश्तेदारों के क्षेत्र में जोड़ दिया गया।

02 एकड़ 45 डिसमिल जमीन को बढ़ाकर 37 एकड़ कर दिया गया

आपको बता दें कि रामप्रसाद के पास मात्र 02 एकड़ 45 डिसमिल जमीन है. इसे बढ़ाकर 37 एकड़ कर दिया गया है. 02 एकड़ 45 डिसमिल के हिसाब से उन्हें 53 क्विंटल धान बेचने की पात्रता है, लेकिन उन्होंने अब तक 426 क्विंटल धान बेचा है। इसी प्रकार संतलाल, दशरथी, निराकार, गौतम बरिहा, बोधराम, सुभाष, घनश्याम, सावित्री, मनोहर, शिव बरिहा, मुरारीलाल सहित 18 किसानों की खेती का रकबा लगभग 250 से 300 एकड़ बढ़ गया है। दरअसल, सहकारी समितियों में धान बेचने के लिए रकबा पंजीकृत है। उस रकबे के हिसाब से धान खरीदा जाता है.

14 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर जिला प्रशासन की 5 सदस्यीय टीम ने डिप्टी कलेक्टर के नेतृत्व में मामले की जांच की और फर्जीवाड़े की शिकायत को सही पाया. इस टीम में राजस्व विभाग, खाद्य विभाग, सहकारिता विभाग, सहकारी बैंक सहित धान खरीदी से जुड़े अधिकारी शामिल थे. जांच टीम ने जनवरी में ही तत्कालीन समिति प्रभारी/समिति प्रबंधक उमेश भोई, किसान राम प्रसाद और दो ऑपरेटरों मनोज प्रधान और मनीष प्रधान के खिलाफ बसना थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. बाद में जिला प्रशासन ने इस मामले में धोखाधड़ी में शामिल 10 और किसानों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई. इस मामले में बसना थाना पुलिस ने पहले की एफआईआर में इन 10 किसानों के नाम जोड़ दिए हैं, अब तक इस मामले में 14 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है.

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