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Chhattisgarh News: तमिलनाडु में बिना सैलरी कर रहे काम, परिजनों की शिकायत पर कलेक्टर ने लिया एक्शन

तमिलनाडु में बंधक बनाए गए 30 मजदूरों को कांकेर लाया गया. पिछले तीन माह से बंधक बनाकर मजदूरी का काम कराया जा रहा था। परिवार की सूचना पर प्रशासन ने टीम भेजी थी. इनमें कांकेर के 14, नारायणपुर के 10 और कोंडागांव के 6 मजदूर शामिल हैं। तीन जिलों के मजदूरों को मुक्त कराया गया है

कांकेर, Chhattisgarh News: बस्तर संभाग के अंदरूनी इलाकों में पूरे गांव के लोग रोजी-रोटी और अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए घर-गृहस्थी का पूरा सामान लेकर दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं। इसी तरह नारायणपुर, कांकेर और कोंडागांव जिले से आजीविका के लिए पलायन कर बंधक बनाए गए 30 मजदूरों को कांकेर प्रशासन ने मुक्त कराया है |

कलेक्टर अभिजीत सिंह के निर्देश पर

श्रम अधिकारी ने जिले के 14 बंधुआ मजदूरों को तमिलनाडु से वापस लाकर उनकी मजदूरी का भुगतान कराया है। कलेक्टर सिंह को कांकेर जिले की तहसील अंतागढ़ सरईपारा के फुलपाड़ निवासी संतुराम गावड़े ने अपनी बेटी एस.एम.आर. फ्लाईएश ब्रिक्स, जुंजुपल्ली, बिलानकुप्पम, जिला कृष्णागिरी, तमिलनाडु में बंधक बनाने की शिकायत पर प्रतिक्रिया देते हुए, श्रमिकों को बचाने के लिए एक बचाव दल का गठन किया गया था।

गौरतलब है कि तमिलनाडु में बंधुआ मजदूरों को पिछले तीन महीने से बंधक बनाकर रखा जा रहा था

उनसे बिना मजदूरी के काम कराया जा रहा था. इस संबंध में जिला प्रशासन द्वारा संज्ञान लिया गया और 5 अप्रैल को एक टीम का गठन किया गया और 7 अप्रैल को तमिलनाडु के जिला कृष्णागिरी के सभी श्रमिकों को सुरक्षित कांकेर पहुंचाया गया और बंधक श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के बारे में जिला कलेक्टर को सूचित किया गया। .

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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