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CM Mohan Yadav’s father passed away: सीएम मोहन यादव के पिता का निधन, आज उज्जैन में होगा अंतिम संस्कार, बीजेपी के कई बड़े नेता होंगे शामिल

CM Mohan Yadav’s father passed away: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पिता पूनमचंद यादव का मंगलवार को निधन हो गया. पूनमचंद यादव पिछले कुछ दिनों से बीमार थे....

भोपाल, CM Mohan Yadav’s father passed away: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पिता पूनमचंद यादव का मंगलवार को निधन हो गया. पूनमचंद यादव पिछले कुछ दिनों से बीमार थे. उन्होंने 100 साल की उम्र में उज्जैन के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। आज उनका अंतिम संस्कार शिप्रा तट पर भूखी माता मंदिर के पास किया जाएगा। मुख्यमंत्री के पिता के निधन पर मध्य प्रदेश समेत देश के तमाम बड़े नेताओं ने दुख जताया है.

CM Mohan Yadav’s father passed away: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव अपने पिता पूनम चंद यादव के निधन की खबर सुनकर

भोपाल से उज्जैन पहुंच गए हैं. वे अपने पिता पूनम चंद यादव के निधन पर उज्जैन के गीता कॉलोनी स्थित आवास पर पहुंचे। जानकारी के मुताबिक, पूनम चंद यादव की अंतिम यात्रा सुबह 11.30 बजे गीता कॉलोनी, अब्दालपुरा से शुरू होगी. अंतिम संस्कार शिप्रा तट पर भूखी माता मंदिर के पास किया जाएगा। अंतिम यात्रा में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई बीजेपी नेता शामिल होंगे.

क्या बोले मोहन यादव?

पिता के निधन पर सीएम मोहन यादन ने X पर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा- “परम पूज्य पिताजी श्रद्धेय श्री पूनमचंद यादव जी का देवलोकगमन मेरे जीवन की अपूरणीय क्षति है। पिताजी का संघर्षमय एवं नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों से परिपूर्ण जीवन हमेशा मर्यादित पथ पर अग्रसर रहने की प्रेरणा प्रदान करता रहा है। आपके दिए संस्कार हमारा सदैव मार्गदर्शन करते रहेंगे। पिताजी के श्रीचरणों में शत शत नमन।”

100 साल का होने के बाद भी उपज बेचने खुद मंडी जाते थे

यादव समाज से जुड़े लोग बताते हैं कि, पूनमचंद यादव ने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया। उन्होंने बेटे नंदू यादव, नारायण यादव, मोहन यादव और बेटी कलावती, शांति देवी को अच्छी शिक्षा दिलाई। संघर्ष के दिनों में उनके पिता रतलाम से उज्जैन आ गए और सबसे पहले हीरा मिल में नौकरी की। इसके बाद शहर के मालीपुरा में भजिया और फ्रीगंज में दाल-बाफले की दुकान लगाई। 100 वर्ष की उम्र होने के बाद भी वे उपज बेचने खुद मंडी जाते थे।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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