Crisis Hits Soybean Farmers in Madhya Pradesh: सोयाबीन से किसानों का हो रहा मोहभंग, अब तक 17 बीघे खेत में चला चुके हैं रोटावेटर
Crisis Hits Soybean Farmers in Madhya Pradesh: मालवा निमाड़ के किसानों का कहना है कि अब सोयाबीन की फसल फायदे का सौदा नहीं रह गई है. किसानों का यह भी कहना है कि मौसम की मार के साथ-साथ उत्पादन में कमी भी चिंता का विषय है. अधिकांश जिलों के किसान अब सोयाबीन को लेकर आशान्वित नहीं हैं।
Crisis Hits Soybean Farmers in Madhya Pradesh:
सोयाबीन बेल्ट के रूप में पहचान रखने वाले मालवा-निमाड़ में अब किसानों का सोयाबीन से मोहभंग होता जा रहा है। सरकार ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4892 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, लेकिन ज्यादातर बाजारों में किसानों को अधिकतम 4000 रुपये प्रति क्विंटल से भी कम दाम मिल रहे हैं.
मंदसौर जिले में है यह हाल
इससे निराश होकर मंदसौर जिले के दो किसान अब तक 17 बीघे में खड़ी सोयाबीन की फसल पर रोटावेटर चला चुके हैं. कुछ अन्य किसान भी उनके समर्थन में नजर आ रहे हैं. इधर, भारतीय किसान संघ का भी मानना है कि सरकार किसानों को सोयाबीन के तय दाम भी नहीं दे पा रही है. इस आंदोलन की तैयारी भी की जा रही है.
- मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में किसानों का सोयाबीन की फसल से मोहभंग होता जा रहा है.
- किसानों का आरोप है कि लागत के मुताबिक बाजार में सोयाबीन के दाम नहीं मिल रहे हैं.
- मंदसौर जिले में अब तक किसानों ने 2.48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बुआई की है. यहां तक कि है.
- सरकार अभी तक किसानों को एमएसपी के मुताबिक 4892 रुपये प्रति क्विंटल का दाम भी नहीं दिला पाई है.
- इसके चलते अब तक दो किसान अपने 17 बीघे खेत में रोटावेटर चलाकर फसल नष्ट कर चुके हैं। मंगलवार को दलौदा तहसील के राकोदा गांव निवासी किसान नागेश्वर पाटीदार ने 10 बीघे जमीन पर 5 बीघे में लगाई गई सोयाबीन की रोटावेटर से जुताई कराई।
अब सोयाबीन की खेती घाटे का सौदा है
किसानों का कहना है कि आज के हालात में सोयाबीन की खेती करना घाटे का सौदा लगता है. फिलहाल सोयाबीन के दाम 3000 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा नहीं बढ़ रहे हैं. लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है. आज की स्थिति में सोयाबीन बोने से बेहतर है कि खेत को खाली रखा जाए ताकि खेत की उर्वरा शक्ति बनी रहे। आज, रुपये से अधिक. सभी प्रकार की दवा, खाद व बीज पर 1.25 लाख रुपये खर्च किये गये हैं.
शाजापुर: अच्छे दाम की उम्मीद में किया है भंडारण
शाजापुर जिले में इस वर्ष 2.61 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की फसल बोई गई है। बाजार में सोयाबीन की कीमत 3800 से 4500 रुपये प्रति क्विंटल तक है. किसान जीतमल, मोहनलाल वर्मा ने बताया कि प्रति हेक्टेयर कम पैदावार और कम दाम के कारण किसानों को पिछले दो साल से घाटा हो रहा है। कम कीमत के कारण कई किसान अभी भी सोयाबीन का भंडारण कर रहे हैं। भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री सवाई सिंह ने बताया कि किसानों को सोयाबीन की फसल में घाटा हो रहा है। बाजार में सोयाबीन का समर्थन मूल्य भी नहीं मिल रहा है.
15 सितंबर को खरगोन में बीजेपी प्रदर्शन करेगी
खरगोन जिले में 80 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन की फसल बोई गई है. इस महीने के अंत में फसल की कटाई हो जाएगी. बाजार में 3800 रुपये से लेकर 4000 रुपये प्रति क्विंटल तक के दाम उपलब्ध हैं. भारतीय किसान संघ के मंडल अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार का कहना है कि सरकार एमएसपी के अनुरूप मूल्य नहीं दे रही है। इसके चलते हम 15 सितंबर को विरोध प्रदर्शन करेंगे.