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Death Threat to PM Modi: पीएम मोदी को जान से मारने की धमकी, फोन पर कहा- पूरी प्लानिंग कर ली गई है, मचा हड़कंप

Death Threat to PM Modi: देश के पीएम मोदी को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है. बताया जा रहा है कि मुंबई पुलिस के नियंत्रण वाले किसी अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर जान से मारने की धमकी दी है...

नई दिल्ली,Death Threat to PM Modi:  देश के पीएम मोदी को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है. बताया जा रहा है कि मुंबई पुलिस के नियंत्रण वाले किसी अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर जान से मारने की धमकी दी है. पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

जानकारी के मुताबिक दावा किया जा रहा है कि मुंबई पुलिस कंट्रोल रूम को पीएम नरेंद्र मोदी को जान से मारने की धमकी भरा कॉल आया है. फोन करने वाले ने कहा कि पीएम मोदी को मारने की योजना बनाई गई है.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यह कॉल पुलिस कंट्रोल नंबर पर कल रात लगभग 9 बजे आया। अब पुलिस ने इस पूरे मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेते हुए धमकी भरे कॉल के बारे में पता लगाने में जुट गई है।

6 सालों में तीसरी बार मिली धमकी

आपको बता दें कि इससे पहले भी पीएम मोदी को जान से मारने की धमकी मिल चुकी है। बताया जा रहा है कि 6 सालों में ये तीसरी बार उनको जान से मारने की धमकी मिली है। इससे पहले पीएम मोदी को साल 2023 को हरियाणा के एक शख्स को वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें शख्स ने मोदी को गोली से मारने की धमकी दी थी। वीडियो में युवक ने खुद को हरियाणा का बदमाश और गांव मोहाना, सोनीपत का रहने वाला बताया था।

2022 में भी मिली थी धमकी

साल 2022 में पीएम मोदी को एक जेवियर नाम के शख्स ने धमकी दी थी। शख्स ने भोजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन को एक पत्र लिखा धमकी दिया था। पत्र में लिखा था कि मोदी का हाल राजीव गांधी जैसा होगा। उस वक्त पीएम केरल दौरे पर जा रहे थे। बाद में पुलिस ने धमकी देने वाले को अरेस्ट कर लिया था।

साल 2018 में मिली थी धमकी

आपको बता दें कि सबसे पहले पीए मोदी को 2018 में धमकी मिली थी। ये धमकी सीधे दिल्ली पुलिस कमिश्नर को भेजी गई थी। इस धमकी के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया था। इस मेल में 2019 का जिक्र किया गया था साथ ही दिन और महीने के बारे में भी बताया गया था।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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