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Delhi Coaching Institute Accident: नगर निगम के तीनों विभाग पूरी तरह से विफल रहे, शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई

Delhi Coaching Institute Accident: दिल्ली के राजेंद्र नगर क्षेत्र में सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी करने वाले एक कोचिंग इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में स्थित लाइब्रेरी में पानी भर जाने से वहां मौजूद तीन छात्रों की मौत हो गई।

Delhi Accident:

राजेंद्र नगर में सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत के लिए सीधे तौर पर दिल्ली नगर निगम जिम्मेदार है। निगम के तीनों विभाग अपने बुनियादी काम को भी पूरा नहीं कर सके। बिल्डिंग विभाग को नियमों के खिलाफ जाकर बेसमेंट में लाइब्रेरी चलाने पर कार्रवाई करनी थी, जबकि वर्क्स और सैनिटेशन विभाग को नाले की सफाई और रखरखाव का काम करना था।

एमसीडी एक्ट के अनुसार, नगर निगम को बिल्डिंग बायलाज के तहत नक्शा पास करना होता है और उल्लंघन पर कार्रवाई का अधिकार भी इसी के पास है। इस मामले में विभाग पूरी तरह से नाकाम रहा। राव आईएएस स्टडी सेंटर के बेसमेंट, जिसे स्टोर के रूप में इस्तेमाल किया जाना था, को लाइब्रेरी में बदल दिया गया। नगर निगम को इसे रोकना चाहिए था, लेकिन बिल्डिंग विभाग निष्क्रिय रहा। करोल बाग के एक छात्र द्वारा 26 जून को की गई ऑनलाइन शिकायत को भी नजरअंदाज कर दिया गया, जिसमें उसने राव स्टडी सेंटर के बेसमेंट में लाइब्रेरी चलने की बात की थी और हादसे की आशंका जताई थी।

वहीं, निगम के वर्क्स और सैनिटेशन विभाग को नाले की सफाई का कार्य सौंपा गया था, लेकिन विभाग इस बुनियादी जिम्मेदारी को भी पूरा नहीं कर सका। मानसून आने से पहले नाले की सफाई न होने के कारण हल्की बारिश में पानी की निकासी नहीं हो पाई, जिससे सभी सड़कों पर कई फीट पानी भर गया। कई बार राजेंद्र नगर का नाला भी ओवरफ्लो हो जाता है। शनिवार को इसी जलभराव के कारण हादसा हुआ। सड़क पर पानी भर जाने और वाहनों की आवाजाही के कारण पानी अचानक बेसमेंट में घुस गया, जिससे वहां पढ़ाई कर रहे सिविल सेवा के छात्रों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। परिणामस्वरूप, दो छात्राओं और एक छात्र की जान चली गई।

राजेंद्र नगर हादसे की वजह: नगर निगम की लापरवाही:

राजेंद्र नगर इलाके में शनिवार को हुए हादसे के लिए सीधे तौर पर नगर निगम की गंभीर लापरवाही जिम्मेदार है। नालों की सफाई नहीं कराने के अलावा निगम ने बारिश के पानी को निकालने के लिए कोई पंप भी नहीं लगाया। इसके परिणामस्वरूप, चार फीट से अधिक पानी भर गया, जिससे छात्रों की जान चली गई।

एमसीडी की सफाई योजना पर सवाल: नालों की स्थिति और बेसमेंट में पानी:

एमसीडी को 30 जून तक नालों की सफाई पूरी करनी होती है। इस साल भी इसके लिए एक्शन प्लान तैयार किया गया था, लेकिन राजेंद्र नगर इलाके के नालों की सफाई अभी तक नहीं की गई। निगम ने 3 जुलाई को नालों की सफाई की बात कही थी, लेकिन हादसे के एक दिन बाद रविवार को भी निगम ने दावा किया कि उसने इलाके में नालों की सफाई का पहला चरण पूरा कर लिया है। अब सवाल उठता है कि निगम ने किन नालों की सफाई की? अगर नाले साफ थे, तो बेसमेंट में पानी कैसे भर गया?

हादसे के बाद भी कोचिंग इंस्टीट्यूट की लापरवाही:

कोचिंग इंस्टीट्यूट अक्सर हादसे के बाद चुप्पी साध लेते हैं, और कभी-कभी मिलने वाले निर्देशों की अनदेखी भी करते हैं। वे दिशा-निर्देशों को नजरअंदाज करके अपने काम को बेपरवाह तरीके से जारी रखते हैं। घटना के एक दिन बाद ही देखा गया कि मुखर्जी नगर, लक्ष्मी नगर, कटवरिया सराय सहित कई निजी लाइब्रेरी खुली रहीं। नेहरू विहार के वर्धमान मॉल में भी बेसमेंट में लाइब्रेरी चलती रही।

राहुल गांधी ने दिल्ली हादसे पर शोक जताया, बुनियादी ढांचे की विफलता की निंदा की:

राहुल गांधी ने रविवार को दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत पर शोक व्यक्त किया। सोशल मीडिया पोस्ट में कांग्रेस नेता ने कहा कि दिल्ली में एक इमारत के बेसमेंट में पानी भरने से प्रतियोगी परीक्षा के छात्रों की मौत अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। कुछ दिन पहले बारिश के दौरान बिजली का झटका लगने से एक छात्र की भी मौत हो गई थी। उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं प्रकट की। राहुल गांधी ने कहा कि बुनियादी ढांचे की यह विफलता एक समग्र प्रणाली की नाकामी को दर्शाती है। आम नागरिक असुरक्षित निर्माण, खराब नगर नियोजन और हर स्तर पर संस्थागत लापरवाही की कीमत अपनी जान गंवाकर चुका रहा है।

प्रियंका गांधी ने लापरवाही और कुप्रबंधन की चरम सीमा बताया:

प्रियंका गांधी ने रविवार को सोशल मीडिया पोस्ट में दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में जलभराव के कारण तीन छात्रों की मौत को दिल दहला देने वाली घटना बताया। उन्होंने दिवंगत आत्माओं और शोक संतप्त परिवारों के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। प्रियंका गांधी ने कहा कि यह लापरवाही और कुप्रबंधन की चरम सीमा है कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए दूर-दूर से आए बच्चों की जिंदगी को इस तरह से छीन लिया जाता है।

प्राकृतिक नहीं, मानव द्वारा निर्मित आपदा है: पवन खेड़ा

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि यह प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि मानव निर्मित त्रासदी है। उन्होंने कोचिंग सेंटर के लाइसेंस को लेकर सवाल उठाए, यह पूछते हुए कि कैसे बेसमेंट में कोचिंग सेंटर चल रहा था। क्या उनके पास लाइसेंस था और एमसीडी के सभी आवश्यक कागजात थे? इन सवालों के जवाब अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं।

छात्रों की मौत के लिए सरकार को ठहराया जिम्मेदार: कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने रविवार को राजेंद्र नगर का दौरा कर तीन छात्रों की मौत के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और सजा सुनिश्चित की जानी चाहिए। यादव ने आरोप लगाया कि सरकार और संबंधित दल के नेता घटनाओं के बाद केवल चर्चा और घोषणाओं तक सीमित रहते हैं, जबकि वास्तविक कार्रवाई की कमी रहती है। उन्होंने हाल ही में पटेल नगर में करंट लगने से हुई मौत का भी उल्लेख किया, जहां अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, और अब बेसमेंट की घटना पर मंत्री आतिशी ने जल्दबाजी में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं।

“सचदेवा: सरकार, एमसीडी और डीजेबी पर भी केस दर्ज किया जाए

भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कोचिंग सेंटर हादसे पर दिल्ली सरकार, नगर निगम, दिल्ली अग्निशमन सेवा, दिल्ली जल बोर्ड, पावर डिस्कॉम और कोचिंग सेंटर के मालिक के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की। उन्होंने निष्पक्ष जांच के लिए मंत्री आतिशी का इस्तीफा और संबंधित विभागों के स्थानीय अधिकारियों की निलंबन की भी मांग की। सचदेवा ने दिल्ली सरकार से संवेदनशीलता दिखाने और मृत छात्रों के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की अपील की।

मृतक परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिले: मालीवाल

राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर हादसे में जान गंवाने वाले छात्रों के परिजनों से मिलने के लिए सांसद स्वाति मालीवाल डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के शवगृह गईं। उन्होंने मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की और दिल्ली नगर निगम के खिलाफ कार्रवाई की बात की। स्वाति मालीवाल ने पहले राजेंद्र नगर का दौरा किया, जहां प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ बैठीं और उनके मुद्दे को संसद में उठाने का आश्वासन दिया। शवगृह में तान्या और श्रेया के परिजनों से मुलाकात के बाद उन्होंने दिल्ली सरकार और एमसीडी की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इस घटना को हत्या करार देते हुए जिम्मेदारी तय करने की मांग की और परिजनों की ओर से सख्त कार्रवाई की मांग का समर्थन किया।

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