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Dhamtari’s Divya and Rajni Honored: धमतरी की दिव्या और रजनी को मिलेगा सम्मान, खेल दिवस पर उनकी सफलता की कहानी

Dhamtari's Divya and Rajni Honored: इस खेल दिवस पर धमतरी जिले की कुश्ती खिलाड़ी दिव्या भारती और दिव्यांग पैरा जूडो खिलाड़ी रजनी जोशी को रायपुर में सम्मानित किया जाएगा। इन दोनों खिलाड़ियों ने अपने अनोखे प्रदर्शन से

धमतरी,Dhamtari’s Divya and Rajni Honored: खेल दिवस पर रायपुर में पहलवान दिव्या भारती और दिव्यांग खिलाड़ी रजनी जोशी को सम्मानित किया जाएगा। इन दोनों खिलाड़ियों ने जिले का नाम रोशन किया है. रजनी जोशी ने बताया कि वर्ष 2016 में जब उनके गांव में दिव्यांग बच्चों की संस्था एक्जेक्ट फाउंडेशन डिसेबल्ड चिल्ड्रेन रेजिडेंशियल ट्रेनिंग सेंटर खुला तो वह वहां पढ़ने के लिए चली गईं। वहां के शिक्षकों से मुझे पता चला कि हम जैसे दिव्यांग लोग भी खेल खेलते हैं।

दिव्या और रजनी की स्वर्ण यात्रा (Dhamtari’s Divya and Rajni Honored)

उन्होंने पहली बार अपने शिक्षकों के साथ राज्य स्तरीय पैरा जूडो खेल में भाग लिया, जिसमें उन्हें पहली बार स्वर्ण पदक मिला। इसके बाद उनका चयन गुड़गांव में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए हुआ, वहां भी उन्हें स्वर्ण पदक मिला, तब से वह जूडो खेल रही हैं।उन्होंने हैदराबाद, कानपुर, लखनऊ, गोरखपुर, राजस्थान का दौरा किया। राष्ट्रीय स्तर पर उनके नाम छह पदक हैं। इस मुकाम तक पहुंचने में मदद करने वालों का आभार जताया. संस्था की लक्ष्मी सोनी मैडम, शशि निर्मलकर मैडम, रूबी कुर्रे मैडम ने बहुत सहयोग किया।

दिव्या भारती की कुश्ती यात्रा

ग्राम भनपुरी की पहलवान दिव्या भारती ने बताया कि वह 2014 से कुश्ती खेल रही हैं। आज भी वह इस खेल में प्रतिनिधित्व कर रही हैं। इस खेल की प्रेरणा उन्हें अपनी बड़ी बहन से मिली जो शुरू से ही यह खेल खेल रही थी। उन्होंने 10वीं क्लास में पहली बार कुश्ती खेली थी. उन्होंने स्कूल गेम्स में बेहतर प्रदर्शन किया.

पहले धमतरी से कोच प्रैक्टिस करने गांव आते थे, बाद में धमतरी में ही प्रैक्टिस करने लगे। वह सुबह 4 से 7 बजे तक और फिर शाम 6 से 7:30 बजे तक लगातार प्रैक्टिस करते थे. इसके बाद उन्होंने ओपन गेम्स में हिस्सा लेना शुरू कर दिया. उन्होंने 2014 से अब तक छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए 17 राष्ट्रीय स्तर के मैच खेले हैं।

दिव्या भारती की कुश्ती उपलब्धियाँ

उन्होंने बताया कि वह उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों में भी प्रदर्शन कर चुकी हैं. इस खेल में वह चार बार छत्तीसगढ़ शेरनी का खिताब भी जीत चुकी हैं। उन्हें ओपन मिट्टी दंगल नेशनल में भी तीन पदक मिल चुके हैं। 2017 से 2024 तक आठ बार सीनियर राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।

दिव्या भारती को शहीद पंकज विक्रम पुरस्कार:

इसी कारण उन्हें 2023_24 में शहीद पंकज विक्रम पुरस्कार के लिए भी चुना गया था। वर्तमान में वह ग्राम झिरिया में रहती है। उनके माता-पिता, पति और ससुराल वालों ने हमेशा उनके खेल का समर्थन किया। उनके कोच और छत्तीसगढ़ राज्य कुश्ती संघ के सभी पदाधिकारियों ने उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया है। उनके पति गोविंद साहू भी उन्हें खेल को प्रोत्साहित करने के लिए प्रेरित करते हैं, इसीलिए उन्हें यह सम्मान मिल रहा है. उन्होंने सभी का शुक्रिया अदा किया है.

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