Electricity And Water Consumption Increased: ChatGPT का इस्तेमाल कही पड़ न जाए महंगा, AI की वजह से बढ़ी बिजली और पानी की खपत
Electricity And Water Consumption Increased: कृत्रिम तकनीक जितना काम आसान कर रही है, उतना ही पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इसके इस्तेमाल से बिजली और पानी की खपत बढ़ रही है.
टेक्नोलॉजी, Electricity And Water Consumption Increased: टेक्नोलॉजी जितनी तेजी से बढ़ रही है, हमारी काम करने की क्षमता भी उतनी ही तेजी से बढ़ रही है। हमें यह कहते हुए बहुत खुशी हो रही है कि देखिए, तकनीक हमारे काम को कितना आसान बना रही है। अब लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बारे में बात कर रहे हैं। दुनिया इसे किसी चमत्कार से कम नहीं मान रही है. लेकिन कहा जाता है कि हर बदलाव की एक कीमत होती है। हम एआई के कारण होने वाले बदलाव की कीमत पर्यावरण को नुकसान पहुंचाकर चुका रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि AI की वजह से धरती पर बिजली और पानी (Electricity And Water Consumption Increased) का संकट हो सकता है।
2 साल में 10 गुना बढ़ सकती है बिजली की खपत (Electricity And Water Consumption Increased)
यदि आप AI टूल ChatGPT का उपयोग करते हैं, तो क्या आपने कभी सोचा है कि इस टूल का उपयोग करने में कितनी बिजली की खपत होती है? एक वर्ष में 10 टेरावाट। यह इतनी बिजली है कि यह नाइजीरिया जैसे देश की 4 महीने और न्यूजीलैंड जैसे देश की 3 महीने की बिजली की जरूरत को पूरा कर सकती है। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी के मुताबिक साल 2026 तक AI इंडस्ट्री में बिजली की खपत 10 गुना तक बढ़ सकती है.
एक साल में 1.7 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी खपत बढ़ी
जितना अधिक इंटरनेट का उपयोग किया जाता है, उसका डेटा सेंटर उतनी ही अधिक गर्मी उत्पन्न करता है। चूंकि इस पर गर्मी का असर नहीं होता इसलिए इसे पानी से ठंडा रखा जाता है। इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में माइक्रोसॉफ्ट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि डेटा सेंटर को ठंडा रखने के लिए पानी की खपत पिछले साल की तुलना में बढ़ गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021 में 4.7 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी की खपत हुई. साल 2022 में यह 34 फीसदी बढ़कर 6.4 मिलियन क्यूबिक मीटर हो गई.
चौंकाने वाले आंकड़े
ChatGPT से एक प्रश्न का उत्तर पाने में प्रति घंटे 2.9 वाट बिजली लगती है। वहीं, गूगल सर्च से जवाब पाने में प्रति घंटे सिर्फ 0.3 वॉट बिजली लगती है।
हर 100 दिन में एआई के इस्तेमाल से बिजली की खपत 26-36 फीसदी की दर से बढ़ रही है।
माना जा रहा है कि साल 2023 से लेकर 2030 तक AI के उपयोग से बिजली की खपत 200 टेरा वाट प्रति घंटा (एक वर्ष) हो सकती है।
वर्ष 2023 में AI के उपयोग से 8 प्रतिशत बिजली की खपत हुई जो 2028 तक 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। ChatGPT 3.0 से 10 से 15 प्रश्न पूछे जाने पर एक लीटर पानी का उपयोग होता है, जबकि, ChatGPT 4 का उपयोग करने पर अधिक पानी की खपत होती है।
वर्ष 2027 तक, दुनिया भर में AI के लिए ताजे पानी की आवश्यकता 4.2 बिलियन क्यूबिक मीटर से बढ़कर 6.6 बिलियन क्यूबिक मीटर हो जाएगी। यह UK की वार्षिक जल खपत का आधा प्रतिनिधित्व करता है।