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Kedarnath Yatra News: केदारनाथ मंदिर के कपाट खुले. कड़ाके की ठंड के बीच 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालु मौजूद, जानिए आप कैसे कर सकते हैं यात्रा.

Kedarnath Yatra News: अगर आप केदारनाथ धाम की यात्रा पर जा रहे हैं तो केदारनाथ की यात्रा का सबसे सुखद और साहसिक अनुभव पैदल यात्रा है। आपको..

रुद्रप्रयाग,Kedarnath Yatra News:  बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती है. आपको बता दें कि 10 मई यानी आज सुबह 7 बजे भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम के दरवाजे भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं. (kedarnath पंजीकरण 2024) अगर आप भी केदारनाथ के दर्शन करना चाहते हैं तो इसके लिए पंजीकरण 15 मार्च 2024 से शुरू हो गया है। आप उत्तराखंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या केदारनाथ धाम की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं।

केदारनाथ के बाद गंगोत्री मंदिर के कपाट उसी दिन दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर खोले जाएंगे। वहीं बद्रीनाथ के कपाट खुलने के लिए श्रद्धालुओं को थोड़ा और इंतजार करना होगा। बद्रीनाथ धाम के कपाट रविवार 12 मई को सुबह 6 बजे खोले जाएंगे।

केदारनाथ यात्रा पंजीकरण 2024

kedarnath registration 2024: इन बातों का रखे ध्यान

अगर इस बार आप भी केदारनाथ की यात्रा करने जा रहे है तो आप पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों को जान ले।

1 बता दें, केदारनाथ यात्रा शारीरिक रूप से काफी कठिन होती है। इसलिए सबसे पहले आप अपनी स्वास्थ्य की जांच करवा लें। क्यूंकि इस यात्रा के लिए आपको शारीरिक रूप से फिट होना बहुत जरूरी है।

2 केदारनाथ में मौसम बहुत अनिश्चित होता है। इसलिए यात्रा पर जाने से पहले मौसम की पूरी जानकारी जरुर लें।

3 केदारनाथ की यात्रा के लिए आपको पैन कार्ड, आधार कार्ड, और स्वास्थ्य बीमा पत्र अपने साथ रखना होगा।

4 अगर आप भी इस बार केदारनाथ की यात्रा कर रहे है तो यात्रा करने से पहले आप गर्म कपड़े जरुर रख ले।

ऐसे कर सकते है यात्रा

अगर आप केदारनाथ धाम के दर्शन करने जा रहे है तो केदारनाथ की यात्रा का सबसे सुखद और साहसिक अनुभव पैदल यात्रा में होता है। बता दें, गौरीकुंड से केदारनाथ तक 16 किमी की पैदल यात्रा करनी होती है। आप पालकी में बैठकर भी जा सकते है। पालकी सेवाएं गौरीकुंड से उपलब्ध हैं। वहीं, हेलीकॉप्टर से जाना सबसे आसान तरीका है। गौरीकुंड और फाटा से आपको हेलीकॉप्टर की सुविधा मिल जाएगी।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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