कोरबा

Korba Suicide News: पहले गला काटा, फिर तीन मंजिला कॉम्प्लेक्स से कूद गया युवक

Korba Suicide News: आत्महत्या के इरादे से घंटाघर स्थित तीन मंजिला कॉम्प्लेक्स से छलांग लगा दी। नीचे गिरने से युवक गंभीर रूप से घायल हो गया......

कोरबा,Korba Suicide News:  युवक की गर्दन पर चोट का निशान है, इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि उसने पहले ब्लेड से अपना गला काटा और फिर तीन मंजिला इमारत से छलांग लगा दी. जमीन पर गिरकर घायल होकर वह खून से लथपथ हो गया। युवक द्वारा अचानक उठाए गए ऐसे कदम से मौके पर अफरा-तफरी मच गई और लोगों की भीड़ जमा हो गई.

Korba Suicide News: शरीर में हलचल हुई और यह स्पष्ट हो गया कि व्यक्ति जीवित है

अपराध के दौरान मौत युवक के शरीर पर हरकत देखकर स्थानीय लोगों को उसके जिंदा होने का एहसास हुआ और उन्होंने तुरंत 108 संजीवनी एक्सप्रेस और पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने युवक को संजीवनी एक्सप्रेस से इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इधर पुलिस ने जांच शुरू कर दी.

कॉम्प्लेक्स के छत पर मिला खून से सना एक ब्लेड

युवक की पहचान खपराभट्टा निवासी कालेश्वर पात्रे 22 वर्ष के रूप में हुई। युवक ने किस कारण आत्महत्या की, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। जांच के दौरान पुलिस को कॉम्प्लेक्स के छत से खून से सना एक ब्लेड भी बरामद हुआ है। वैधानिक कार्रवाई के बाद पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस का कहना है कि मृतक के स्वजनों से बयान लेने के बाद युवक द्वारा उठाए गए इस कदम के बारे में वास्तविक जानकारी सामने आएगी। उधर घटना को लेकर स्वजन भी परेशान है कि आखिर उसने यह कदम क्यों उठाया।

परिसर में सब कुछ पर एक भी सीसीटीवी तस नहीं लगा

घंटाघर व्यवसायिक परिसर में विभिन्न प्रतिष्ठान संचालित हैं। इनमें शैक्षणिक संस्थान, प्रशिक्षण संस्थान, फोटो कापीयर्स, प्रिंटिंग, बुक डिपो, सराफा, फोटो स्टूडियों, गारमेंट्स, सीए, बैंकिग संस्थान, चाय बार आदि संस्थान संचालित हैं। बावजूद इसके यहां सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है। कुछ संस्थान के संचालकों ने बताया कि पूर्व में उन्होंने सीसीटीवी कैमरा लगाया था, जो चोरी हो गया। इसके बाद संस्थान के बाहर सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा रहे। जबकि सुरक्षा के लिहाज व ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मददगार साबित हो सकते हैं।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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