बिलासपुर

lakhpati didi: बिहान से जुड़कर रविकुमारी बनी लखपति दीदी

lakhpati didi: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर महिलाएं  सफलता की इबारत लिख रही हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन योजना से जुड़कर आज जिले की ग्रामीण महिलाओं ने स्वावलंबन की मिशाल पेश कर रही है....

बिलासपुर, lakhpati didi: डॉक्टर की हालत इतनी खराब थी कि वह ठीक से खड़े भी नहीं हो पा रहे थे. इसके चलते कई महिलाओं और बच्चों को बिना इलाज कराए ही लौटना पड़ा। वहीं, अस्पताल में गर्भवती महिलाएं और करीब 85 बच्चे भर्ती हैं, जिनकी जिम्मेदारी डॉक्टर पर है.

बिहान से जुड़कर रविकुमारी बनी लखपति दीदी

बिहान से जुड़कर रविकुमारी बनी लखपति दीदी

बिहान से जुड़कर रविकुमारी बनी लखपति दीदी

इसी के तहत मां सहोद्रा स्व सहायता समूह की उड़गन की रविकुमारी दीदी ने कुछ अलग करने की सोची एवं समूह के माध्यम से सिलाई, सब्जी बाड़ी, ई रिक्शा, सब्जी बिजनेस और थाल पोस बनाने का कार्य करना प्रारम्भ की। इन गतिविधियों से रविकुमारी आज लखपति दीदी बन गई है। वे आज आत्मनिर्भर है। स्वास्थ्य शिक्षा एवं सामाजिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। समूह के अध्यक्ष के रुप में श्रीमती रवि कुमारी टंडन अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे पा रही है।
बिल्हा ब्लॉक के ग्राम उड़गन की लखपति दीदी रविकुमारी टंडन ने बताया कि इस योजना से अब वह न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर है बल्कि योजना से मिली राशि का उपयोग करते हुए वे स्वयं का व्यवसाय अपने घर से ही कर रही है। वे कहती है कि स्व सहायता समूह से जुड़ने के बाद महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है और इस माध्यम से वे बहुत कुछ सीख रहीं है।  जानकारी मिलने के बाद स्व रोजगार स्थापित करने के संबंध में भी मार्गदर्शन मिला। योजना के तहत ऋण राशि स्वीकृत की गई, जिससे उसे अपना व्यवसाय स्थापित करने में मदद मिली। अब उसका परिवार आर्थिक रूप से सशक्तिकरण की ओर बढ़ रहा है।
रविकुमारी अपने बीते हुए दिनों के दिक्कतों को बताते हुए कहती है कि वे पहले केवल कृषि और मजदूरी का कार्य करती थी। एक वर्ष किसानी करने से केवल उनको सालाना 55 हजार ही कमाई हो पाता था जिससे उनके बच्चों के पढ़ाई और घर में आमदनी की तंगी बनी रहती थी। लेकिन समूह से जुड़ने के बाद 3 लाख तक का बैंक से लोन लेकर स्वयं का व्यवसाय अपने घर में ही स्थापित कर लिया है। रविकुमारी अब कृषि कार्याे के साथ ही घर पर ही सब्जी बाड़ी, सिलाई, सब्जी बिजनेस, थाल पोस बना कर घर पर ही आमदनी कमा रही है। उन्होंने ई रिक्शा भी लिया है इन सभी कार्याे से वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में अपनी सहभागिता निभा रहीं है। उनका कृषि कार्य में 55 हजार रूपए, सिलाई कार्याे में 36 हजार रूपए, सब्जी बाड़ी से 24 हजार रूपए, थाल पोस बनाने में 15 हजार रूपए, सब्जी बिजनेस में 1 लाख 80 हजार रूपए एवं ई रिक्शा से 1 लाख 20 हजार रूपए कर पूरे साल का परिवार 4 लाख 43 हजार रूपए आमदनी कमा रहा है।
रविकुमारी कहती है कि केन्द्र एवं राज्य सरकार की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की पहल उन जैसी सभी महिलाओं के लिए वरदान साबित हुआ है। वे अपने परिवार को स्वयं के रोजगार से आर्थिक तंगी से उबार रही है और अपने आस पास के लिए मिशाल साबित हो रही है। रवि कुमारी ने योजना के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का तहे दिल से आभार और धन्यवाद प्रकट किया।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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