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Landslide on Kedarnath Route: केदारनाथ धाम रोड पर भूस्खलन, 5 लोगों की मौत, मृतकों में मध्य प्रदेश के श्रद्धालु भी शामिल

Landslide on Kedarnath Route: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन के मलबे से मंगलवार को चार और शव बरामद होने से हादसे में मरने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर पांच हो गई है....

रुद्रप्रयाग, Landslide on Kedarnath Dham:  उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन के मलबे से मंगलवार को चार और शव बरामद होने से हादसे में मरने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर पांच हो गई है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, घटनास्थल पर खराब मौसम, बर्फबारी, अंधेरा और लगातार मलबा गिर रहा है। पत्थर गिरने के कारण सोमवार रात रोके गए बचाव और राहत अभियान को सुबह फिर शुरू किया गया और इस दौरान मलबे से तीन महिलाओं समेत चार और श्रद्धालुओं के शव निकाले गए।\

Landslide on Kedarnath Dham:  उन्होंने बताया कि अभियान अभी भी जारी है

सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच मुनकटिया के पास सोमवार देर शाम हुए भूस्खलन के मलबे में और लोगों के दबे होने की आशंका है. पुलिस ने बताया कि सुबह बरामद किए गए शवों की पहचान मध्य प्रदेश के धार जिले के नेपावली निवासी दुर्गाबाई खापर (50), नेपाल के धनवा जिले के वैदेही गांव निवासी तितली के रूप में हुई है.देवी मंडल (70), मध्य प्रदेश के धार जिले के झिझोरा की रहने वाली समनबाई (50) और गुजरात के सूरत के खटोदरा निवासी भारत भाई निरालाल (52) के रूप में हुई है।

Landslide on Kedarnath Route:  इससे पहले, सोमवार रात को घटनास्थल से मध्य प्रदेश के धार जिले के रहने वाले

गोपालजी (50) का शव बरामद किया गया था जबकि घायल तीन अन्य श्रद्धालुओं को मलबे से निकाल कर अस्पताल पहुंचाया गया था। घायलों में गोपालजी के भाई छगन लाल (45) भी शामिल हैं। हादसे के समय तीर्थयात्रियों का दल केदारनाथ धाम के दर्शन कर वापस आ रहा था। हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस, राज्य आपदा प्रतिवादन बल और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीम पहुंची तथा बचाव एवं राहत कार्य शुरू किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना में मारे गए लोगों के प्रति शोक जताया है।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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