मध्य प्रदेश

Mahakal Temple Darshan: नए साल में महाकाल मंदिर में दर्शन व्यवस्था पर जल्द होगा फैसला, आ सकते हैं 10 लाख श्रद्धालु

Mahakal Temple Darshan: 25 दिसंबर से 2 जनवरी तक देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंचने वाले हैं. अनुमान है कि आठ दिन के भीतर करीब 10 लाख श्रद्धालु महाकाल मंदिर पहुंचेंगे. इस दौरान दर्शन व्यवस्था कैसी होगी इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा.

मध्य प्रदेश,Mahakal Temple Darshan:  ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में नए साल पर दर्शन की व्यवस्था तय करने के लिए एक-दो दिन में प्रबंध समिति की बैठक होगी। संकेत हैं कि कलेक्टर नीरज कुमार सिंह की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में अन्य विषयों पर भी चर्चा होगी. मंदिर प्रशासन ने बैठक में पेश करने के लिए विभागों से जानकारी मांगी है।

नए साल में 25 दिसंबर से 2 जनवरी तक देशभर से करीब 10 लाख श्रद्धालुओं के महाकाल दर्शन करने की उम्मीद है. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर समिति सुगम दर्शन की व्यवस्था करने की तैयारी कर रही है.

टेंडर जारी करने को लेकर निर्णय

देशभर से आने वाले भक्तों को किस प्रकार कम समय में सुविधा पूर्वक भगवान महाकाल के दर्शन कराए जाएं, इसी को लेकर प्रबंध समिति की बैठक आयोजित की जा रही है। बैठक में दर्शन व्यवस्था के अलावा फैसिलिटी मैनेजमेंट सहित अन्य टेंडर जारी करने को लेकर भी निर्णय हो सकता है।

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बता दें मंदिर में काम कर रही कुछ निजी कंपनियों का कई साल पहले अनुबंध समाप्त हो चुका है। मंदिर समिति नए टेंडर जारी नहीं कर रही है। मंदिर में लड्डू बनाने का ठेका भी सालों से अनुबंध के आधार पर बढ़ाया जा रहा है।

इस पर हो सकता है निर्णय

बैठक में सामान्य दर्शनार्थियों के लिए चार धाम मंदिर के सामने से शक्ति पाथ के रास्ते महाकाल महलोक होते हुए मंदिर में प्रवेश देने की व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा सकता है। वीआईपी का प्रवेश नीलकंठ द्वार से तथा वृद्ध व दिव्यांग दर्शनार्थियों को अवंतिका द्वार से प्रवेश देने की योजना है।

  • 31 दिसंबर व 1 जनवरी को 250 रुपये की शीघ्र दर्शन टिकट व्यवस्था को यथावत रखने को लेकर भी निर्णय लिया जा सकता है। मंदिर समिति अत्यधिक भीड़ वाले दिनों में इस व्यवस्था को स्थगित करती आई है।
  • मंदिर समिति फैसिलिटी मैनेजमेंट व आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती के लिए नई कंपनी को ठेका दे सकती है। बैठक में टेंडर जारी करने को लेकर भी निर्णय हो सकता है।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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