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MP Breaking News: मासूम बच्चे की जान बचाने में बारिश बनी मुसीबत, 15 घंटे से रेस्क्यू जारी, 160 फीट गहरे बोरवेल में गिरा है बच्चा.

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में बोरवेल में गिरे 6 साल के मासूम को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. पुलिस और प्रशासन की टीम लगातार 15 घंटे से राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है. रीवा में शुक्रवार से हो रही बारिश के कारण रेस्क्यू में दिक्कतें आ रही हैं.

रीवा,MP Breaking News: मध्य प्रदेश के रीवा में बोरवेल में गिरे मासूम बच्चे को बचाने के लिए करीब 15 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. शुक्रवार को एक छह साल का मासूम बोरवेल में गिर गया था. रात से ही 8 से 10 जेसीबी लगातार खुदाई के काम में लगी हुई हैं, लेकिन अभी तक बच्चे को बाहर नहीं निकाला जा सका है. रीवा जिले में रात की बारिश के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही थी. जानकारी के मुताबिक अभी तक बच्चे की कोई हरकत नहीं देखी गई है. बताया जा रहा है कि बच्चा करीब 160 फीट की गहराई में फंसा हुआ है |

अधिकारियों ने बताया कि यह घटना उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे मनिका गांव में हुई

शुक्रवार को जब बच्चा खेल रहा था तो अचानक खुले बोरवेल में गिर गया. रीवा की जिलाधिकारी प्रतिभा पाल ने बताया कि राज्य आपदा आपातकालीन प्रतिक्रिया बल (एसडीईआरएफ) की एक टीम बच्चे को बचाने के लिए लगातार बचाव अभियान चला रही है |

बोरवेल में भेजा जा रहा है

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनकर ने बताया कि बोरवेल के अंदर पाइप के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है। बच्चे की हालत पर नजर रखने के लिए बोरवेल के अंदर एक सीसीटीवी कैमरा भी भेजा गया था. फिलहाल कैमरा बच्चे के पास तक नहीं पहुंच पाया है. बताया जा रहा है कि बोरवेल करीब 160 फीट गहरा है |

खोदा जा रहा है गड्ढा

अधिकारियों ने बताया कि बच्चे को बचाने के लिए बोरवेल के समानांतर एक गड्ढा खोदा जा रहा है. रेस्क्यू के लिए वाराणसी से एनडीआरएफ की टीम भी बुलाई गई है. बेमौसम बारिश के कारण बच्चे को बचाने के अभियान में भी दिक्कत आ रही है

खेत में खुला था बोरवेल

छह साल का मयूर पिता विजय आदिवासी शुक्रवार की शाम खेत पर अन्य बच्चों के साथ खेल रहा था। तभी वह खेलते-खेलते खुले में बोरवेल के पा पहुंच गया औऱ उसमें गिर गया। जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अफसरों और रेस्क्यू टीम बच्चे को सकुशल बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन चला रहे हैं।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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