कांकेर

NIA Raid In Kanker: NIA ने फिर दी दबिश छत्तीसगढ़ में, इस मामले में 6 जगहों पर मारा छापा, 2 लोगों को किया गिरफ्तार

NIA Raid In Kanker: नक्सल मुद्दों से जुड़े मामले में NIA की टीम लगातार छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में छापामार कार्रवाई कर रही है....

कांकेर, NIA Raid In Kanker: नक्सली मामलों से जुड़े मामलों में एनआईए की टीम लगातार छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में छापेमारी कर रही है. इसी कड़ी में एक बार फिर एनआईए की टीम ने राज्य में छापेमारी की है. इस कार्रवाई में एनआईए की टीम ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है. तलाशी के दौरान एनआईए की टीम को कई अहम सबूत भी हाथ लगे हैं.

NIA Raid In Kanker: मिली जानकारी के मुताबिक एनआईए की टीम ने कांकेर जिले के सुदूर गांव आमाबेड़ा,

मुंजालगोंदी, कलमुछे, जीवलामारी समेत 6 जगहों पर छापेमारी की है. यह छापेमारी नक्सली मामले से जुड़े एक मामले में की गई है. तलाशी के दौरान एनआईए की टीम को कई मोबाइल फोन, एक प्रिंटर, नकदी और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं. एनआईए की टीम की छापेमारी देर रात तक जारी रही.

NIA ने 26 जून को भी की थी छापेमारी

NIA Raid In Kanker :  बता दें कि, इससे पहले राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के संदिग्ध सदस्यों द्वारा भाजपा नेता रतन दुबे की हत्या के मामले की जांच के सिलसिले में छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में एक दर्जन स्थानों पर छापेमारी की थी।दुबे की चार नवंबर को 2023 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के कौशलनार साप्ताहिक बाजार में कुल्हाड़ी से हमला कर हत्या कर दी गई थी। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) की अब तक की जांच के अनुसार प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) से जुड़े हथियारबंद हमलावरों ने भाजपा नेता की हत्या की थी।

जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘सीपीआई (माओवादी) के पूर्वी बस्तर डिवीजन के बयानार एरिया कमेटी के विभिन्न संदिग्धों और नक्सली समर्थकों से जुड़े परिसरों पर कार्रवाई करते हुए एनआईए ने आज तोयनार, कौशलनार, बाडेनहोद, धौड़ाई और कोंगेरा गांवों में 12 स्थानों पर छापेमारी की। . लेकिन छापेमारी की गई. बयान में कहा गया है कि छापेमारी के दौरान कई मोबाइल फोन, एक टैबलेट और 9.90 लाख रुपये नकद के साथ-साथ नक्सली विचारधारा का प्रचार करने वाले पर्चे और साहित्य भी बरामद किए गए।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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