Online Satta In CG: सट्टा संचालकों के लिए बैंक खाते खोलने वाले तीन गिरफ्तार, 150 से ज्यादा खाते खोल रखे थे
Online Satta In CG: पुलिस ने ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बैंक खाते खोलने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक, तीनों आरोपियों ने अब तक 150 से ज्यादा बैंक खाते खोले हैं.
Online Satta In CG: पुलिस ने ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बैंक खाते खोलने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। (Online Satta In CG )जानकारी के मुताबिक, तीनों आरोपियों ने अब तक 150 से ज्यादा बैंक खाते खोले हैं. आरोपियों के कब्जे से छह मोबाइल फोन और एक पासबुक बरामद किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में रमन मंदिर वार्ड थाना गंज निवासी महेश तांडी, राधिका नगर सुपेला भिलाई निवासी राहुल कुमार देवांगन और नंदनी रोड खुर्सीपार भिलाई निवासी ई शंकर राव शामिल हैं।
(Online Satta In CG ) आरोपियों को खाता खोलने के लिए 5,000 रुपये मिलते थे
जिनके पास खाता था उन्हें दो से तीन हजार रुपये दिये गये. यह खाता ओडिशा के आरोपी नरेंद्र निहाल को उपलब्ध कराया गया था। बैंक की पूरी किट बस, कूरियर और अन्य माध्यमों से उन तक पहुंचती थी। जिसके बाद नरेंद्र दिल्ली, मुंबई और पुणे में बैठे सट्टेबाजों तक हिसाब पहुंचाता था। बचत और चालू खाते के लिए अलग-अलग दरें तय की गई हैं.
अब तक कुल 13 अभियुक्त गिरफ्तार
बता दें कि इससे पहले एंटी क्राइम व साइबर यूनिट और थाना गंज पुलिस की संयुक्त टीम ने अब तक कुल 13 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर 12 लैपटॉप, 55 मोबाइल, 31 बैंक पासबुक, पांच चेक बुक और बरामद की है. इनके पास से 34 एटीएम कार्ड मिले। पूर्व में गिरफ्तार सटोरियों से पूछताछ और बैंक खाते खुलवाने वालों के संबंध में जानकारी जुटाते हुए पुलिस आरोपी महेश तांडी, राहुल कुमार देवांगन और ई. शंकर राव तक पहुंची। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे दूसरे हैं का खाता खुलवाते और खाते की किट को सट्टा संचालन करने वालों के पास भेजते थे।
आरोपित ऐसे करते थे काम
जानकारी के अनुसार महेश तांडी ने रायपुर में कुछ दिनों तक कपड़ा दुकान में काम किया। इसके बाद वह ओडिशा गया और उसकी मुलाकात नरेंद्र निहाल से हुई। उसने उसे अपने साथ शामिल किया। महेश ओडिशा से रायपुर लौटा और दो अन्य साथियों को साथ में लिया। इसके बाद शहर के स्लम एरिया के 18 से 22 वर्ष के युवकों को बैंक ले जाकर खाता खुलवाते थे। उस खाता नंबर के लिए वह एक नया सिम कार्ड भी लेते थे। इसके बाद वह सबकुछ होने के बाद पूरी किट खाता धारक से ले ली जाती थी। उसके बदले में उसे दो से तीन हजार रुपये दे दिए जाते थे। इसके बाद वह किट आगे भेज देते थे।
सेविंग खाते के 40 हजार रुपये मिलते थे
आरोपितों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उन्हें सेविंग और करंट अकाउंट के हिसाब से पैसे मिलते थे। पांच से 10 हजार रुपये नरेंद्र द्वारा दिए जाते थे। इसके साथ ही नरेंद्र को एक सेविंग अकाउंट के बदले 40 हजार रुपये और करंट अकाउंट पर 20 हजार रुपये मिलता था।