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PM Modi Will Talk To Employee Organizations: कर्मचारी संगठनों के नेताओं से मिलेंगे पीएम मोदी, पेंशन-एनपीएस समेत कई अहम मुद्दों पर होगी चर्चा

PM Modi Will Talk To Employee Organizations: पीएम मोदी आज केंद्रीय कर्मचारी संगठनों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे. बताया गया कि यह बैठक पीएम आवास....

दिल्ली,PM Modi Will Talk To Employee Organizations: पीएम मोदी आज केंद्रीय कर्मचारी संगठनों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे. बताया गया कि यह बैठक पीएम आवास पर होगी, जिसमें कर्मचारियों के हितों से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा होगी. इसके साथ ही पेंशन, एनपीएम समेत कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है. आपको बता दें कि पीएम और कर्मचारी संगठन की बैठक को अहम माना जा रहा है क्योंकि इसमें उनके हितों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. खासकर पेंशन, एनपीएस और अन्यमुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। इसी के साथ ही आज के इस बैठक में देशभर के कर्मचारी संगठन प्रधानमंत्री के सामने अपनी मांगों को लेकर चर्चा कर सकते हैं।

PM Modi Will Talk To Employee Organizations: दरअसल, देश में ‘पुरानी पेंशन’ लागू होगी या ‘एनपीएस’ जारी रहेगी,

इस पर अंतिम फैसले का समय नजदीक आ गया है। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर केंद्र और राज्य के कर्मचारी संगठन लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। इसे लेकर कर्मचारियों की कई रैलियां और प्रदर्शन रामलीला मैदान और जंतर-मंतर पर हो चुके हैं। कर्मचारी संगठनों ने कई बार प्रधानमंत्री से मिलने का अनुरोध किया था. हालांकि, पीएम मोदी खुद सार्वजनिक मंचों से ओपीएस को लेकर अपनी राय दे चुके हैं.

PM Modi Will Talk To Employee Organizations: बता दें कि पीएम ने उन राज्य सरकारों पर भी निशाना साधा था

जिन्होंने ओपीएस लागू की है। इसके अलावा, केंद्र सरकार कई बार कह चुकी है कि ‘पुरानी पेंशन’ बहाली संभव नहीं है। ज्वाइंट फोरम फॉर रेस्टोरेशन ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन के कन्वीनर शिव गोपाल मिश्रा एवं को-कन्वीनर डॉ. एम. राघवैया ने 29 फरवरी को ओपीएस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था। वहीं अब कहा जा सकता है कि, देश में ‘पुरानी पेंशन’ लागू होगी या ‘एनपीएस’ ही जारी रहेगी, इस पर अंतिम फैसले की घड़ी करीब आ गई है।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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