Pune Car Accident Case: पुणे पोर्शे मामले में नाबालिग आरोपी की जमानत रद्द, 5 जून तक बाल सुधार गृह भेजा गया
Pune Car Accident Case: पुणे पोर्शे हादसे के नाबालिग आरोपी की जमानत रद्द कर दी गई है कोर्ट ने उसे 24 मई तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. 19 मई.
पुणे, Pune Car Accident Case: पुणे पोर्शे हादसे के नाबालिग आरोपी की जमानत रद्द कर दी गई है. (Pune Car Accident Case)उसे 5 जून तक बाल सुधार गृह भेज दिया गया है. इससे पहले पुलिस ने उसके बिल्डर पिता को गिरफ्तार कर लिया था. कोर्ट ने उसे 24 मई तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. 19 मई को पोर्शे कार की टक्कर से बाइक सवार मध्य प्रदेश निवासी युवक और युवती की मौत हो गई थी.
(Pune Car Accident Case) नाबालिग को बाल सुधार गृह भेजा गया
पुणे पुलिस अधिकारियों ने बताया कि किशोर न्याय बोर्ड ने नाबालिग आरोपी को बाल सुधार गृह भेज दिया है. पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा, नाबालिग पर वयस्क की तरह मुकदमा चलाया जाना चाहिए। इसके लिए पुलिस ने हाईकोर्ट से अनुमति मांगी है।
आरोपी नाबालिग के पिता पर स्याही फेंकी
पुणे पुलिस ने मंगलवार को नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल को छत्रपति संभाजी नगर से गिरफ्तार कर लिया। बुधवार को विशाल की कोर्ट में पेशी थी। पुलिस जैसे ही विशाल को सेशन कोर्ट ले जाने के लिए निकली तो रास्ते में कुछ लोगों ने नाबालिग के बिल्डर पिता पर स्याही फेंक दी.
क्या है पूरा मामला?
पुणे में रविवार (19 मई) को एक 17 साल के लड़के ने शराब के नशे में बाइक सवार दो आईटी इंजीनियरों को पोर्शे कार से टक्कर मार दी। हादसे में अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई। युवक और युवती दोनों मध्य प्रदेश के रहने वाले थे. वे पुणे में एक ही कंपनी में एक साथ काम करते थे। इस मामले में किशोर न्याय बोर्ड ने पहले आरोपी नाबालिग को कुछ शर्तों के साथ रिहा कर दिया था. अब तक पुलिस पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.
नाबालिग को सात शर्तों पर मिली थी जमानत
1. 7500 रुपये के दो बॉन्ड भरने होंगे। एक निजी बॉन्ड और दूसरा श्योरिटी बॉन्ड।
2. दुर्घटनाओं पर 300 शब्दों का निबंध लिखना होगा।
3. आरटीओ ऑफिस में जाकर नियम-कानून पढ़ने होंगे। प्रेजेंटेशन बनाकर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड को पेश करना होगा।
4.आरटीओ अधिकारियों के साथ 15 दिन तक काम करना होगा। ट्रैफिक नियम समझने होंगे।
5. शराब की लत छुड़ाने के लिए काउंसलिंग होगी।
6. साइकिएट्रिस्ट से संपर्क करना होगा। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड को रिपोर्ट सौंपनी होगी।
7. जब भी बुलाने पर नाबालिग को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश होना पड़ेगा