रायपुर

Raipur Crime News: आखिर कौन है रायपुर की चंदन तस्कर पुष्पा? 16 पेड़ चोरी कर हुआ फरार, अधिकारी खंगाल रहे सीसीटीवी

Raipur Crime News: राजधानी रायपुर के जीरो प्वाइंट स्थित छत्तीसगढ़ राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान परिसर से चंदन के 16 पेड़ चोरी हो गए....

रायपुर, Raipur Crime News:  राजधानी रायपुर के जीरो प्वाइंट स्थित छत्तीसगढ़ राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान परिसर से चंदन के 16 पेड़ चोरी हो गए। यह चोरी रात के समय हुई. इस घटना से वन विभाग के अधिकारी हैरान हैं. क्योंकि, अनुसंधान केंद्र के पास 300 मीटर की दूरी पर विधानसभा भवन, महालेखाकार भवन और विधानसभा थाना है.वहीं, वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि परिसर में करीब 20 पेड़ काटने के बाद चोर वहां से 14-16 पेड़ उठा ले गए. घटना के बाद अधिकारियों ने तुरंत सीसीटीवी की निगरानी शुरू कर दी. आपको बता दें कि चंदन का यह पौधारोपण 2012-13 में किया गया था।

 Raipur Crime News सुरक्षा में चूक वन विभाग के इस ट्रेनिंग सेंटर में चंदन का पेड़ होना अपने आप में एक खास बात है

लेकिन इसके बावजूद सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक गंभीर चिंता का विषय है. ट्रेनिंग सेंटर में प्रवेश के लिए दो मुख्य द्वार हैं, जिनमें सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं. इसके अलावा परीक्षण केंद्र में वन विभाग के अधिकारियों का आवास भी है. घटना के बाद अधिकारियों ने कहा कि घटना के बाद सुरक्षा गश्त बढ़ा दी गई है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए जाएंगे.

आखिर कौन है रायपुर की चंदन तस्कर पुष्पा?

आसपास के लोगों के बीच चर्चा का केंद्र यह है कि रायपुर की चंदन तस्कर पुष्पा कौन है जो चंदन के पेड़ों की यह चोरी कर रही है? स्थानीय लोगों के अनुसार, इस तरह की संगठित चोरी कुछ अंदरूनी जानकारी और सहायता के बिना संभव नहीं है।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया

सीसीएफ राजू अगसिमानी ने बताया कि वन विभाग के अधिकारी को सूचना देने के साथ ही पुलिस में शिकायत दर्ज करायी गयी है. परिसर के साथ-साथ आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी फुटेज का पता लगाया जा रहा है। फिलहाल हमने सभी गेटों पर सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा दी है। कुछ कर्मचारी वन अनुसंधान केंद्र से आए थे, लेकिन बिना कोई एफआईआर दर्ज कराए लौट गए। कुछ लोगों ने हमें बताया कि चंदन के पेड़ काटे गये हैं. फिलहाल जांच कर रही है.

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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