रायपुर

Raipur Railway Station: रायपुर रेलवे स्टेशन पर बड़ा हादसा, शालीमार एक्सप्रेस की बोगियों पर गिरा लोहे का पोल, यात्री का हाथ कटा, चार घायल

Raipur Railway Station: राजधानी रायपुर के रेलवे स्टेशन से एक बड़े हादसे की खबर आ रही है. यहां कोलकाता से रायपुर आ रही शालीमार एक्सप्रेस के..

रायपुर, Raipur Railway Station: राजधानी रायपुर के रेलवे स्टेशन से एक बड़े हादसे की खबर आ रही है. (Raipur Railway Station) यहां कोलकाता से रायपुर आ रही शालीमार एक्सप्रेस के एस-6 कोच समेत 2 से 3 कोच पर बिजली का खंभा गिर गया. बोगी पर बिजली का खंभा गिरने से ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों को चोटें आईं।ट्रेन में यात्रा कर रहे एक यात्री का बोगी पर लोहे का खंभा गिरने से हाथ कट गया, जबकि एक मासूम…उनके समेत तीन यात्री घायल हो गए हैं। इस हादसे में घायल यात्रियों को अस्पताल ले जाया गया है. जीआरपी, आरपीएफ समेत रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। हादसा रायपुर और उरकुरा स्टेशनों के बीच हुआ.

(Raipur Railway Station) इस हादसे में ट्रेन के एसी कोच बी-6 में कोलकाता से यात्रा कर रहे सौम्या मंडल भी घायल हो गये

बताया जा रहा है कि लोहे का खंभा गिरने से ट्रेन के एसी कोच की खिड़की का शीशा टूट गया और शीशे के टुकड़े अपनी सीट पर बैठे सौम्य मंडल के चेहरे और आंखों में फंस गये. इससे वह घायल हो गये. हादसे के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.जख्‍मी यात्री सौम्य मंडल की बहन अंकिता मंडल ने बताया कि उनका भाई अपनी सीट पर बैठा हुआ था और वो सो रही थी। इसी दौरान अचानक कोच की खिड़की का शीशा टूट गया और भाई के चेहरे और आंखों के आसपास धंस गया। इससे भाई बुरी तरह घायल हो गया।

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अंकिता ने बताया कि अचानक हुई इस घटना से मैं पूरी तरह से घबरा गई थी। इस हादसे में कोच में सफर कर रहे एक दूसरे यात्री का हाथ भी कट गया। यात्री के हाथ से बहुत खून बह रहा था।

इधर, प्राथमिक तौर पर इस हादसे के पीछे रेलवे और बिजली कंपनी के ठेकेदार की लापरवाही को बताया जा रहा है। अंडरग्राउंड केबल की पुशिंग का काम करते समय निकले राड से एसी बोगी की कांच टकराया।इस मामले में बिजली कंपनी के ईई पीके सिंह ने बताया अनुमति लेकर काम करा रहे थे। हालांकि मौके पर रेलवे के अधिकारी नहीं थे।

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Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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