Sawan Shivratri 2024: आ गई है सावन शिवरात्रि, सही विधि से करें शिवलिंग का रुद्राभिषेक.
Sawan Shivratri 2024: रुद्राभिषेक किसी विद्वान पंडित से ही कराना चाहिए। ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। आप स्वयं भी रुद्राष्टाध्यायी....
धर्म कर्म,Sawan Shivratri 2024: इस समय सावन का पवित्र महीना चल रहा है। सावन का महीना भगवान शिव को प्रिय माना जाता है। हर दिन खास है. ऐसे में सावन शिवरात्रि का त्योहार 2 अगस्त, शुक्रवार को मनाया जाने वाला है. यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है.सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा करने से कई लाभ प्राप्त होते हैं। साथ ही मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। कहा जाता है कि सावन शिवरात्रि के दिन विधि-विधान से रुद्राभिषेक करना चाहिए। इससे सुख-समृद्धि बढ़ती है।
सावन शिवरात्रि 2024 शुभ मुहूर्त
इस बार सावन शिवरात्रि पर शुभ संयोग बनने जा रहे हैं। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। ऐसे में यदि पति-पत्नी मिलकर शिव जी की आराधना करते हैं, तो दांपत्य जीवन में खुशियां बनी रहती हैं। इस दिन शुभ मुहूर्त में ही रुद्राभिषेक करना चाहिए।
पंचांग के अनुसार, 2 अगस्त को दोपहर 3.26 मिनट से सावन शिवरात्रि की तिथि शुरू होने जा रही है। यह 3 अगस्त को दोपहर 3.50 मिनट पर समाप्त होगी।
सावन शिवरात्रि पूजा समय
इस दिन प्रथम प्रहर की पूजा 2 अगस्त को शाम 7.11 से शुरू होगी 09.49 तक हो सकेगी। दूसरे प्रहर की पूजा रात 09.49 से 3 अगस्त को सुबह 12.27 तक हो सकेगी। तीसरे प्रहर की पूजा सुबह 12.27 से 03.06 तक हो सकेगी।
चौथे प्रहर की पूजा सुबह 03.06 से 05.44 तक हो सकेगी। सावन शिवरात्रि व्रत का पारण 03 अगस्त को 05.44 से दोपहर 03.49 तक किया जा सकता है। 3 अगस्त को निशिता काल पूजा का समय 12.06 से 12.49 तक रहेगी। भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने के लिए सिर्फ 42 मिनट का समय ही मिल सकेगा।
सावन शिवरात्रि रुद्राभिषेक विधि
- सावन शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक के लिए 2 अगस्त के दिन ही शाम के समय स्नान आदि से निवृत्त होकर गणेश जी का ध्यान करें।
- इसके बाद भगवान शिव, देवी पार्वती, सभी देवता और नौ ग्रहों का ध्यान करके रुद्राभिषेक का संकल्प लें।
- इसके बाद मिट्टी से शिवलिंग बनाएं और उत्तर दिशा में एक चौकी स्थापित करें। रुद्राभिषेक के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- सबसे पहले शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद गन्ने का रस, गाय के कच्चे दूध, घी, शहद, मिश्री से शिवलिंग का अभिषेक करें।
- हर सामग्री से अभिषेक करें और इसके बाद फिर से गंगाजल से शिवलिंग को स्नान कराएं।
- शिवजी पर बेलपत्र, अक्षत, सफेद चंदन, काला तिल, धतूरा, भांग, आक, शमी पुष्प, कनेर, फल, कलावा, सफेद फूल, मिष्ठान्न आदि अर्पित करें।