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Shaukat Ali Controversial Statement: ‘कांवड़िए चिलम पीकर रहते हैं, हम दो मिनट नमाज पढ़ें तो…’, कांवरियों पर AIMIM प्रदेश अध्यक्ष का विवादित बयान.

Shaukat Ali Controversial Statement: उत्तर प्रदेश में कांवर यात्रा पर सियासत अभी भी जारी है. एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली का एक विवादित बयान सामने आया है,

लखनऊ,Shaukat Ali Controversial Statement: उत्तर प्रदेश में कांवर यात्रा पर सियासत अभी भी जारी है. एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली का एक विवादित बयान सामने आया है, जिसमें वह कहते दिख रहे हैं कि हमारे लिए सड़क पर दो मिनट के लिए नमाज पढ़ने का शोर है. ये सड़कें किसी के बाप की नहीं हैं. सड़कें मोदी, योगी, अमित शाह के निजी ख़ज़ाने से नहीं बनतीं यह हिंदुस्तान जिताना मोदी और शाह का, उतना ही बैरिस्टर असदुद्दीन

मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा में जनसभा को संबोधित करते हुए शौकत अली ने कहा कि, अगर हम दो मिनट सड़क पर नमाज पढ़ले, तो शोर मच जाता है नमाज पढ़ लिया… नमाज पढ़ लिया। यह सड़कें किसी के बाप की नहीं हैं, कावड़ यात्रा के नाम पर दो महीने सड़के बंद करके पुलिस डिपार्टमेंट के लोग कांवड़ियों पर फुल बरसते हैं। कांवड़ के नाम पर 2 महीने सड़कें बंद करके पुलिस कांवड़ियों पर फूल बरसाते हैं। कांवरिया मस्त रहते हैं, चिलम और शराब भी पीकर रहते हैं। हमारा पुलिस डिपार्टमेंट उनके पैरों पर मरहम लगाता है।

शौकत अली ने कांवड़ यात्रा को लेकर कहा- ‘आप बताएं कि मुरादाबाद-बरेली से लेकर गाजियाबाद की सड़कें सावन में इस साल एक महीने के लिए और पिछले साल दो महीने के लिए ब्लॉक नहीं की गई थीं? अगर हम पर दो मिनट की नमाज पढ़ने की पाबंदी है, तो एक महीने सड़क जाम करके आप कांवड़ियों को चलाने की कैसे छूट दे रहे हैं? यह मुल्क किसी एक का नहीं, सभी का है। हम सभी ने मिलकर मुल्क को बनाया है। इस तरह का काम करके आप हिंदू-मुसलमान को बांटने का काम कर रहे हैं। यह नाइंसाफी है।’इधर, शौकत अली की टिप्पणी पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी की प्रतिक्रिया सामने आई, जिसमें उन्होंने कहा कि, AIMIM की विचारधारा जहरीली है। सपा और कांग्रेस शौकत अली के बयान पर मौन क्यों है। हिंदुओं के अपमान पर समूचा विपक्ष एक है। कांवड़ यात्रियों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी हिंदू समाज स्वीकार नहीं करेगा।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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