Shiva Mahapuran IN Kurud: पंडित प्रदीप मिश्र की कथा में पहुंचे विष्णुदेव साय ने कहा, शिवपुराण की ऊर्जा से श्रद्धालु अपने क्षेत्रों में रोकें मतांतरण
Shiva Mahapuran IN Kurud: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि राज्य में धर्मांतरण का काम चल रहा है. यहां से कथा...
धमतरी,Shiva Mahapuran IN Kurud: कुरूद में गौरीशंकर शिव महापुराण का आयोजन किया गया है. (Shiva Mahapuran IN Kurud) जहां कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा कथा कर रहे हैं. 21 मई को प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उनकी पत्नी कौशल्या देवी साय भी कथा सुनने आये थे. पंडित प्रदीप मिश्र से आशीर्वाद लेने के बाद मुख्यमंत्री साय ने श्रद्धालुओं से धर्म परिवर्तन रोकने की अपील की.
(Shiva Mahapuran IN Kurud) साय ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ का सौभाग्य है कि माता कौशल्या की धरती पर
इतनी बड़ी शिव पुराण कथा का आयोजन हो रहा है और कथा सुनाने पंडित प्रदीप मिश्रा यहां पहुंचे हैं. दरअसल, छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की भूमि और ऋषि-मुनियों की तपोस्थली है। भगवान राम ने अपने वनवास के 14 वर्षों का अधिकांश समय हमारे छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य क्षेत्र में बिताया था। ये छत्तीसगढ़ है, जहां शिवरीनारायण है, जहां सबरी माता का धाम है, जहां भगवान ने झूठे बेर खाए हैं.
मतांतरण रोकने की अपील
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि प्रदेश में मतांतरण का काम चल रहा है। यहां से कथा सुनकर उर्जा लेकर जाएं और अपने-अपने क्षेत्रों में मतांतरण को रोक पाए। गौ हत्या को रोकें। इस तरह से कथा सुनने का सार्थकता और बढ़ जाएगी। असामाजिक तत्वों के लोग हमारे सनातन को कमजोर करने के लिए जुटे हुए है। जहां पर थोड़ी अज्ञानता है, अशिक्षा है, थोड़ी गरीबी है, ऐसे जगहों को देखकर वहां मतांतरण का काम करते हैं।उन्हें अफसोस होता है कि पहले ट्राइबल के लोग उनके पास भूखमरी होती थी थी। पेट के कारण मतांतरण करते थे, लेकिन आज शिक्षित है। संपन्न है, ऐसे समझ में भी मतांतरण का काम जोरों पर चल रहा है। देश के अंदर मतांतरण रोकने हम सब हिंदू भाई-बहनों का दायित्व है इसलिए सभी प्रयास करें कि अपने आसपास में मतांतरण न हो। हिंदू भाईयों से लगातार संपर्क करें, तो मतांतरण रूकेगा। इस दौरान उनके साथ कुरूद विधायक अजय चंद्राकर समेत अन्य लोग उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ में भोले बाबा
छत्तीसगढ़ में भोले बाबा अलग-अलग जगह में अलग-अलग नाम से विराजित है। राजिम में कुलेश्वर महादेव है। वनवास काल मेंराम और माता सीता महानदी और पैरी नदी का जो संगम है, वहां पर महादेव की स्थापना करके भगवान शिव की पूजा करके दंडकारण्य में प्रवेश किए थे। कहीं पर भोरमदेव, कहीं पर रूद्रेश्वर तो कहीं पर पातालेश्वर के नाम से भगवान शिव छत्तीसगढ़ में विराजे हैं। छत्तीसगढ़ के अंदर में अध्यात्म का विकास हो रहा है। लोगों में धर्म और प्रगाढ़ हो रहा है।