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Sukma Naxali Surrender: इन बड़ी घटनाओं में एक महिला समेत दो कट्टर इनामी नक्सली शामिल थे, जिन्होंने सरेंडर किया

Sukma Naxali Surrender: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके सुकमा जिले में एक महिला समेत दो कट्टर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है. दोनों पर.....

सुकमा. Sukma Naxali Surrender: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके सुकमा जिले में एक महिला समेत दो कट्टर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है. दोनों पर 5-5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. मिली जानकारी के मुताबिक ये दोनों जिले के कोंटा एरिया कमेटी इलाके में सक्रिय थे. बताया जा रहा है कि ये दोनों नक्सली कई घटनाओं में शामिल रहे हैं.

Sukma Naxali Surrender:  आपको बता दें कि महिला नक्सली पिछले 22 साल से और पुरुष नक्सली पिछले 15 साल से नक्सली संगठन से जुड़े हुए थे

अब दोनों नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. कहा जा रहा है कि दोनों को पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाएगा. छत्तीसगढ़ में साई सरकार बनने के बाद से लगातार नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों को सफलता मिल रही है. बड़ी संख्या में नक्सली लगातार आत्मसमर्पण कर रहे हैं और मुठभेड़ के दौरान कई नक्सली मारे भी जा रहे हैं.बीते 29 जून को भी बीजापुर जिले में एक इनामी माओवादी दंपती समेत 12 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण किया था। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में नेशनल पार्क एरिया कमेटी के अंतर्गत प्लाटून नंबर दो में ‘प्लाटून पार्टी कमेटी मेंबर’ मुन्ना मोड़ियाम, मुन्ना की पत्नी जननी मोड़ियम और राजू पूनेम शामिल थे। मुन्ना के सिर पर पांच लाख रुपये तथा जननी और राजू के सिर पर एक-एक लाख रुपये का इनाम था।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों ने माओवादियो की खोखली विचारधारा

भेदभावपूर्ण व्यवहार, उपेक्षा और प्रताड़ना से तंग आकर आत्समर्पण करने का फैसला किया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ सड़क निर्माण कार्य में लगे वाहनों और मशीनों में आग लगाने, पुलिस दल पर हमला करने और बारूदी सुरंग विस्फोट करने जैसी घटनाओं में शामिल होने का आरोप है।बता दें कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के 25-25 हजार रुपए नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान किया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 2024 में अब तक 123 माओवादियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण किया है जबकि 273 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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