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Vande Bharat Express Accident: गंजबासौदा में वंदे भारत एक्सप्रेस से टकराई गाय, 30 मिनट तक रुकी रही ट्रेन

Vande Bharat Express Accident: वंदे भारत एक्सप्रेस दिल्ली से भोपाल की ओर जा रही थी. हादसा गुरुवार रात करीब पौने दस बजे हुआ। गाय से टकराने के...

विदिशा,Vande Bharat Express Accident:  दिल्ली से भोपाल के बीच चलने वाली हजरत निजामुद्दीन-रानी कमलापति वंदे भारत एक्सप्रेस गुरुवार रात दुर्घटनाग्रस्त हो गई। रात करीब 10.45 बजे जब वंदे भारत ट्रेन गंजबासौदा स्टेशन से गुजर रही थी, तभी प्लेटफार्म 3 के पास ट्रैक पर एक गाय उससे टकरा गई और इंजन में फंस गई। इस हादसे में गाय की मौके पर ही मौत हो गई.स्टेशन प्रबंधक रमेश ठाकुर ने बताया कि ट्रेन के इंजन में गाय फंस जाने के कारण उसका अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है. गाय का अगला हिस्सा काटकर उसे बाहर निकाला गया। तकनीकी कर्मचारियों की मदद से इसे ठीक कराया गया। जिसके चलते ट्रेन करीब 30 मिनट तक स्टेशन पर खड़ी रही। पूरी जांच के बाद उन्हें आगे के लिए रवाना किया गया.

Vande Bharat Express Accident:  स्टेशन पर मौजूद लोगों ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर अमृत भारत योजना के तहत स्टेशन पर निर्माण कार्य चल रहा है

जिससे बाहर की बाउंड्रीवाल न होने से पशु अंदर प्रवेश कर जाते हैं। वे प्लेटफार्म पर घूमते रहते हैं और कई बार ट्रैक पर भी आ जाते हैं, जिससे इस तरह के हादसे हो जाते हैं।बीते दिन रीवा से रानी कमलापति स्टेशन के बीच चलने वाली वंदे भारत में पथराव की घटना सामने आई थी। बीते मंगलवार की रात एक्सप्रेस में इटारसी-पवारखेड़ा स्टेशन के बीच सुनसान जंगल में देर रात पथराव हुआ था, जिसमें चार बोगियों की खिड़की के कांच टूट गए थे, हालांकि इस घटना में किसी को चोट नहीं आई थी। घटना की जानकारी यात्रियों ने स्टेशन पहुंच कर रेलवे को दी थी, जिसके बाद रलवे ने घटना के जांच के आदेश दिए थे।वंदे भारत एक्सप्रेस दिल्ली से भोपाल की ओर जा रही थी. हादसा गुरुवार रात करीब पौने दस बजे हुआ। गाय से टकराने के कारण ट्रेन के इंजन का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। मौके पर पहुंचे तकनीकी कर्मचारियों ने इंजन में फंसी मृत गाय को बाहर निकाला और ट्रेन की खराबी दूर की। इसके बाद ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया गया.

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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