Organ Transplantation: इंदौर में दो महिलाओं ने एक दूसरे के पति को किडनी देकर अपनी शादी बचा ली.
Organ Transplantation: मध्य प्रदेश के इंदौर में पहली बार इंटर-हॉस्पिटल किडनी स्वैप ट्रांसप्लांट किया गया। इसमें दो महिलाओं ने अपनी किडनी दान कर एक-दूसरे के पति की जान बचाई...
इंदौर,Organ Transplantation: मध्य प्रदेश के इंदौर में पहली बार इंटर-हॉस्पिटल किडनी स्वैप ट्रांसप्लांट किया गया। इसमें दो महिलाओं ने अपनी किडनी दान कर एक-दूसरे के पति की जान बचाई। इस ट्रांसप्लांट के लिए सोटो से इजाजत ली गई थी. जिसमें शर्त थी कि दोनों अस्पतालों में एक ही समय पर ट्रांसप्लांट शुरू किया जाएगा।
इसमें दो महिलाओं ने किडनी दान कर एक-दूसरे की शादी बचाई है। दो अलग-अलग अस्पतालों के डॉक्टरों की पहल से ऐसी सफलता मिली. नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. संदीप सक्सेना और डॉ. नेहा अग्रवाल ने बताया कि अस्पताल में 31 वर्षीय मरीज का ब्लड ग्रुप उसकी पत्नी से मेल नहीं खा रहा था।
मरीज का ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव है, जबकि उनकी पत्नी का बी पॉजिटिव है। वहीं एक अन्य अस्पताल में 47 वर्षीय मरीज लंबे समय से बीमारी है, उनकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी थीं।
मां की उम्र अधिक होने से डोरनर नहीं बनाया
डोनर के रूप में पहले उनकी मां सामने आई परंतु उनकी उम्र अधिक होने के कारण उन्हें डोनर नहीं बनाया जा सकता था। इसके बाद उनकी पत्नी का ब्लड ग्रुप मैच नहीं हो रहा था। ऐसे में दोनों महिलाओं ने एक-दूसरे के पति को किडनी दी। डॉक्टरों का दावा है कि इंटर अस्पताल किडनी स्वैप ट्रांसप्लांट प्रदेश में पहली बार हुआ है।
सोटो से ली अनुमति
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि ट्रांसप्लांट के लिए सोटो (स्टेट आर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट आर्गनाइजेशन) से मंजूरी लेनी होती है। हमने रिपोर्ट और दस्तावेज सोटो के हेड डॉ. संजय दीक्षित के सामने प्रस्तुत किए। जांच करने के बाद हमें ट्रांसप्लांट की मंजूरी दी।शर्त यह थी कि दोनों अस्पतालों में एक ही समय पर दोनों ट्रांसप्लांट शुरू करने होंगे, ताकि बाद में कोई दिक्कत या विवाद न हो। हमने उसी समय समन्वय स्थापित किया और सफलतापूर्वक इसका प्रत्यारोपण किया।’