Anti Naxal Operation In CG: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन तेज, अबूझमाड़ में दो महीने में छह ऑपरेशन में 67 नक्सली ढेर.

Anti Naxal Operation In CG: छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार बनने के बाद नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है. पहला बड़ा ऑपरेशन 16 अप्रैल को....

जगदलपुर,Anti Naxal Operation In CG: दो महीने के अंदर सुरक्षा बलों ने अबूझमाड़ में छह बड़े ऑपरेशन में 67 नक्सलियों को मार गिराया है. इसमें डिविजनल कमेटी स्तर के नक्सली नेताओं के साथ-साथ महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ जोनल कमेटी के नेता भी मारे गए हैं. दशकों तक नक्सलियों की सुरक्षित पनाहगाह रहा अबूझमाड़ अब सुरक्षा बलों के निशाने पर है.मंगलवार को अबूझमाड़ में महाराष्ट्र सीमा से लगे कोहकामेटा थाना क्षेत्र के घमंडी के पास मुठभेड़ में पांच नक्सलियों के मारे जाने की खबर है. बताया जा रहा है कि इस मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़ भी सकती है. पुलिस को हथियार भी मिले हैं. सुरक्षाबल भविष्य में भी इस इलाके में बड़े ऑपरेशन को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं

Anti Naxal Operation In CG: छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के साथ ही नक्सलियों के विरुद्ध सुरक्षा बल ने जिस तरीके से अभियान तेज किया था

इसके परिणाम अब दिख रहे हैं। छह माह में 136 नक्सलियों को मार गिराया गया है। नक्सलियों की चौतरफा घेराबंदी करने गृहमंत्री अमित शाह के सूरजकुंड रणनीति पर काम करते हुए सुरक्षा बल अब पड़ोसी राज्यों के समन्वय से नक्सलरोधी अभियान को गति देने दे रही है।

अबूझमाड़ के छोटेबेठिया में 16 अप्रैल को 29 नक्सली को ढेर कर पहला बड़ा अभियान किया गया था, पर इसकी शुरुआत जनवरी माह में ही कर दी गई थी। जब महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में 65 किमी पैदल चलकर सुरक्षा बल ने पहुंचविहीन गर्डेवाड़ा में नया कैंप स्थापित किया था।राज्य की सीमा को सीलबंद करने के अलावा तीन हजार केंद्रीय सुरक्षा बल को ओडिशा से बस्तर भेजा गया है, जिसकी तैनाती अबूझमाड़ क्षेत्र में की गई है। इसके अलावा 19 नये सुरक्षा बल के कैंप पिछले छह माह में सीधे नक्सलियों के आधार क्षेत्र में किए गए हैं।

अबूझमाड़ को नक्सलियों ने दशकों से अपना सुरक्षित शरणस्थली बना रखा था। मानसून के समय जब गांव में खेती-किसानी शुरु हो जाती थी, नक्सली अबूझमाड़ के सुरक्षित ठिकाने में छिपने चले आते थे। अबूझमाड़ की अबूझ पहाड़ियाें में केंद्रीय स्तर के नक्सली नेता छिपकर रणनीति बनाने और नये बेसिक कम्युनिटी ट्रेनिंग स्कूल में लड़ाकू को प्रशिक्षित करते थे।

खुफिया विभाग के अनुसार यहां नक्सली नेता गणपति, वसव राजू, देवजी, कादरी सत्यनरायण रेड्डी उर्फ कोसा, रामचंद्र रेड्डी उर्फ गुड्सा उसेंडी, सुजाता, अल्लूरी कृष्णा उर्फ रत्नाबाई, पदमा उर्फ कल्पना, हिड़मा सहित अन्य शीर्ष नक्सली की उपस्थिति रहती है, जो कि अब सुरक्षा बल के निशाने पर हैं।

मानसून के लिए फोर्स विशेष प्रशिक्षित

बस्तर आइजीपी सुंदरराज पी. ने बताया कि बस्तर में मानसून सक्रिय होने के बाद यह पहला बड़ा अभियान है। इसके आगे भी ऐसे अभियान अंदरुनी क्षेत्रों में संचालित किए जाएंगे। अबूझमाड़ में लंबे और रणनीतिक अभियन चलाकर इस क्षेत्र को नक्सल मुक्त करने की योजना है।सुरक्षा बल मानसिक रूप से सशक्त है और ऐसे अभियान में दक्ष हो चुके हैं। आधुनिक उपकरण से लैस बल अब कठिन से कठिन परस्थितियों में भी अभियान करने में सक्षम है। साथ ही नये स्थापित कैंपों से ‘नियद नेल्ला नार’ योजना के तहत अंदरुनी गांव में समानांतर विकास कार्य भी शुरु किए जा रहे हैं, जिससे ग्रामीणों का भरोसा बल के प्रति बढ़ा है।

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