भिलाई,Bhilai Crime News: भिलाई इस्पात संयंत्र के प्रशिक्षु अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए दोपहर का भोजन एचआरडीसी कैंटीन में तैयार किया जाता है। बुधवार को बीएसपी के प्रशिक्षु कैंटीन में खाना खाने पहुंचे। जब युवा प्रशिक्षु खाना खा रहे थे, तो एक ने उन्हें बताया कि उनकी मटर पनीर की सब्जी में तिलचट्टे हैं। यह सुनते ही अन्य कर्मचारी आक्रोशित हो गये. कहने लगे कि सब्जियों में कॉकरोच निकल रहे हैं. बीएसपी प्रबंधन इस तरह की खानापूरी कर रहा है. तभी प्रभारी अधिकारी मौके का जायजा लेने पहुंचे और कुछ देर बाद लौट गए।
Bhilai Crime News टूट रहा है युवा कार्यकर्ताओं का भ्रममहारत्न कंपनी सेल की ध्वज इकाई भिलाई स्टील प्लांट है
बीएसपी में शामिल होने वाले नए अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए प्रबंधन की ओर से दोपहर के भोजन की व्यवस्था की गई है। जब देश भर से युवा अधिकारी और कर्मचारी यहां जुड़ते हैं तो उनके सामने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड की बड़ी छवि होती है। यहां से जुड़ने के बाद एक-एक कर उनके सारे भ्रम टूटते जाते हैं। पहले कैंटीन का खाना, फिर काम के दौरान सुरक्षित कामकाज के लिए एसओपी और दिनचर्या।
150 प्रशिक्षुओं का बनाया जा रहा भोजन
दोपहर में 150 प्रशिक्षुओं के लिए भोजन तैयार किया जाता है। इसमें 25 अधिकारी के लिए और 125 कर्मचारी को भोजन दिया जाता है। इसमें मीनू भी तय है। भोजन बेहतर मिले, इस वजह से 8 माह के लिए नया ठेका दिया गया है, इसका रेट 125 रुपए थाली तय हुआ है।
जांच करने पहुंचे प्रभारी अधिकारी
बीएसपी के एचआरडीसी के प्रभारी अधिकारी सैफ्फुद्दीन फजली खबर मिलते ही मौके पर पहुंचे। पहले कर्मचारी की थाली और बाद में किचन का जायजा लिया। किचन में कॉकरोच नहीं मिला, लेकिन थाली में जरूर नजर आया। किचन की सफाई व्यवस्था का भी जायजा लिया है। एचआरडीसी की इस कैंटीन में बीएसपी के प्रशिक्षु अधिकारी व कर्मचारी का भोजन बनता है। धिकारियों का भोजन उनको पहुंचा दिया जाता है। वहीं कर्मियों के लिए यहां सेंट्रल हॉल में सर्व किया जाता है। यहां सफाई व्यवस्था का जायजा अधिकारी खुद ही लेते हैं।बीएसपी के अधिकारियों ने खुद जांच की है। किचन में कॉकरोच नहीं था। सफाई व्यवस्था भी उन्होंने खुद देखी है। एक प्रशिक्षु के भोजन में कहां से गिरा यह पता नहीं। ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उचित स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचा जा सके।