बिलासपुर. छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने एक मामले में संवेदनशीलता दिखाई और हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. मामला यह है कि पत्नी ने अपने पति के खिलाफ शिकायत की थी कि उसने बिना तलाक लिए दूसरी शादी कर ली है.
सुनवाई के दौरान पति भी उपस्थित हुआ, जिसने आयोग के समक्ष ये बात स्वीकार की और यह भी बताया कि उसकी पहली पत्नी ने भी दूसरी शादी कर ली है। आयोग ने माना कि इस मामले में दखल देने से चार जिंदगियां बर्बाद हो जाएंगी। इस टिप्पणी के साथ आयोग ने मामले को नस्तीबद्ध किया और अब इस पर आगे कार्रवाई नहीं की जाएगी।
बिलासपुर में जल संसाधन विभाग के प्रार्थना सभाकक्ष में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की सुनवाई हुई. इस दौरान आयोग ने गुरुवार को कई मामलों में अपना फैसला सुनाया, जबकि एक मामले में महिला को नौकरी दिलाने का झांसा देकर धोखाधड़ी करने वाले क्लर्क को पैसे वापस करने को कहा गया. ऐसा नहीं करने पर नौकरी से हटाने की चेतावनी दी गयी है.
अधिकांश मामलों का किया गया निराकरण
जनसुनवाई में आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य सरला कोसरिया और लक्ष्मी वर्मा ने महिलाओं की फरियाद सुनकर उनका निराकरण करने का प्रयास भी किया। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही।
साथ ही महिलाओं को न्याय और राहत दिलाने का प्रयास किया। इस दौरान कुल 30 प्रकरणों को सुनवाई के लिए रखा गया था। अधिकांश मामलों का निराकरण किया गया। वहीं कुछ मामलों में चेतावनी देने के साथ ही विभागों को आगे की कार्यवाही के लिए पत्र प्रेषित किया गया।
नौकरी लगने के नाम ठगी के मामले में दी चेतावनी
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के लिपिक ने महिला को शासकीय नौकरी पर लगवाने का झांसा देकर दो लाख 10 हजार रुपये की धोखाधड़ी कर ली। नौकरी न लगने पर महिला ने लिपिक से रुपये लौटाने की मांग कर रही थी, लेकिन आरोपित लिपिक महिला को लगातार गुमराह कर रहा था।
महिला ने मामले की शिकायत महिला आयोग में की थी। शिकायत पर सुनवाई करते हुए महिला आयोग ने कहा कि आरोपित शासकीय सेवा में होते हुए भी यदि लोगों को धोखा देकर पैसा वसूल रहे हैं, तो सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के उसकी सेवा समाप्त की जा सकती है।