Baloda Bazar News:
छत्तीसगढ़ में खरीफ फसल की बुआई अंतिम चरण में है. हरेली त्यौहार तक अधिकांश किसानों ने अपनी खेती का काम पूरा कर लिया है। कुछ स्थानों पर पौधारोपण का कार्य चल रहा है जो अंतिम रूप ले रहा है। इसके साथ ही सरकार ने गिरदावरी का काम भी शुरू कर दिया है. पटवारी अपने हल्के में गिरदावरी का कार्य कर रहे हैं। पटवारियों के इस काम को देखने के लिए कलेक्टर दीपक सोनी (Deepak Sony IAS) फील्ड में उतरे. वे स्वयं खेतों में पहुंचे और पटवारियों को गिरदावरी का कार्य ठीक से करने को कहा।
आरोप लगाए जा रहे हैं:
दरअसल, पटवारियों पर कई तरह के आरोप लगे हैं. ऐसे में वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात कर गिरदावरी का काम कराया जा रहा है. साथ ही गिरदावरी का काम ठीक चल रहा है और जिले के अधिकारी यह भी जांच कर रहे हैं कि कहीं पटवारी कोई गलती तो नहीं कर रहा है.
कलेक्टर दीपक सोनी रविवार को अचानक बलौदा बाजार के ग्राम पौंसरी के खेतों में पहुंचे और गिरदावरी कार्य का निरीक्षण किया। कलेक्टर सोनी ने पटवारी, आरआई एवं तहसीलदार को गिरदावरी त्रुटिरहित एवं शुचितापूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने उपस्थित किसानों एवं ग्रामीणों से गिरदावरी कार्य एवं खेती के संबंध में जानकारी ली।
यहां भी पहुंचे
कलेक्टर ने ग्राम पौंसरी में मौके पर पहुंचकर खसरा नंबर 44/1 के किसान रामचन्द्र, खसरा नंबर 43 के किसान गीता बाई, खसरा नंबर 44/2 के किसान अमरनाथ वर्मा के खेतों में गिरदावरी कार्य का निरीक्षण किया। गिरदावरी के दौरान मौके पर मौजूद किसानों से गिरदावरी को लेकर बातचीत की गई। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी किसानों को शासकीय योजनाओं की जानकारी देकर लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
30 सितंबर तक काम चलेगा
आपको बता दें कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार गिरदावरी 1 अगस्त से शुरू हो गई है और 30 सितंबर तक चलेगी. कलेक्टर सोनी ने गिरदावरी कार्य समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिये हैं। दरअसल गिरदावरी में किसानों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए उनके खेत के रकबे और उत्पादित फसल को आधार बनाया जाता है. इसके लिए हर खेत की घेराबंदी की गयी है. इसमें यह देखा जाता है कि किस खेत में कौन सी फसल लगाई गई है।
कार्रवाई के निर्देश भी मिले
गिरदावरी कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे कलेक्टर से किसानों ने छुट्टा घूम रहे मवेशियों पर नियंत्रण लगाने की गुहार लगाई। इस पर कलेक्टर ने पटवारी, सरपंच-सचिव को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। बता दें कि गांव में बड़ी संख्या में आवारा मवेशियों की मौजूदगी के कारण जहां एक ओर दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है. आवारा पशुओं द्वारा उनकी फसलें खा जाने से किसान परेशान हैं।