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CG Breaking News: अशोका बिरयानी के मालिक कृष्णकांत तिवारी की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने 4 मई तक न्यायिक हिरासत में भेजा

अशोका बिरयानी के मालिक कृष्णकांत तिवारी को कोर्ट में पेश किया गया. जहां कोर्ट ने उन्हें 4 मई तक न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है.

 रायपुर,CG Breaking News:  अशोका बिरयानी के मालिक कृष्णकांत तिवारी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. शनिवार देर शाम गिरफ्तारी के बाद अशोका बिरयानी के मालिक कृष्णकांत तिवारी को रविवार शाम करीब चार बजे कोर्ट में पेश किया गया. जहां कोर्ट ने उन्हें 4 मई तक न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है. न्यायिक रिमांड खत्म होने के बाद उन्हें एक बार फिर कोर्ट में पेश किया जाएगा, इसके अलावा अन्य मामलों में दर्ज लोगों को भी जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा और इनका न्यायिक निर्माण भी कराया जाएगा। मांगी जाएगी. बता दें कि दो लोगों की मौत के बाद कृष्णकांत तिवारी पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज हुआ है |

आपको बता दें कि अशोका बिरयानी के मालिक कृष्णकांत तिवारी को इंद्रप्रस्थ से गिरफ्तार किया गया था

इंद्रप्रस्थ से हुई थी गिरफ्तारी  18 अप्रैल की घटना के बाद वह शहर से लापता हो गया था। जिसकी लगातार तलाश की जा रही थी. शनिवार की शाम कृष्णकांत तिवारी उड़ीसा से इंद्रप्रस्थ कॉलोनी आए। पुलिस ने लोकेशन ट्रेस कर तुरंत उसे गिरफ्तार कर लिया. मामले में एक अन्य आरोपी सनाया तिवारी हैं जो अशोका बिरयानी की सीईओ हैं। जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा |

गटर साफ करने के दौरान दो कर्मचारियों की मौत

दरअसल, रायपुर के अशोका बिरयानी के दो कर्मचारियों की गुरुवार दोपहर गटर साफ करने के दौरान मौत हो गई थी. मौत के बाद जब पत्रकार अशोक बिरयानी जिम्मेदारी मांगने गए तो उनके साथ भी मारपीट की गई. बाद में कर्मचारियों के शव पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को सौंप दिए गए, लेकिन कर्मचारियों की मौत पर मुआवजे की मांग को लेकर अलग-अलग समुदाय के लोग धरने पर बैठ गए और प्रदर्शन करने लगे. बता दें कि डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा भी धरनास्थल पर पहुंचे और परिजनों से मुलाकात की.

वहीं पूरी वारदात के बाद अशोका बिरियानी प्रबंधन को सामने आना पड़ा और प्रबंधन ने डेविड साहू और नील कुमार पटेल के परिवारों को 15 –15 लाख रुपए का मुआवजा दिया. इसके अलावा 15-15 हजार रुपए प्रतिमाह उम्रभर देने की बात पर सहमति बनी. सहमति के बाद दोनो परिवार शव लेकर रवाना हो गए.

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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