सूरजपुर

CG Crime News: लड़खड़ाते दिखे डॉक्टर…सरकारी अस्पताल पर है गर्भवती महिलाओं और 85 बच्चों की जिम्मेदारी

CG Crime News: खबर छत्तीसगढ़ के सूरजपुर से है. जिला होने के कारण आसपास की तहसीलों के गांवों से लोग यहां इलाज के लिए आते हैं। वहीं, कई महिलाएं ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर को नशे में धुत्त पाकर लौट गईं। परिवार को अपने छोटे बच्चों के इलाज की भी चिंता सता रही थी.

सूरजपुर,CG Crime News:   शराबी शिक्षक के बाद अब छत्तीसगढ़ में एक शराबी सरकारी डॉक्टर का मामला सामने आया है. शासकीय मातृत्व एवं शिशु चिकित्सालय सूरजपुर में पदस्थ डॉ. अनीश नशे की हालत में पाए गए।

डॉक्टर की हालत इतनी खराब थी कि वह ठीक से खड़े भी नहीं हो पा रहे थे. इसके चलते कई महिलाओं और बच्चों को बिना इलाज कराए ही लौटना पड़ा। वहीं, अस्पताल में गर्भवती महिलाएं और करीब 85 बच्चे भर्ती हैं, जिनकी जिम्मेदारी डॉक्टर पर है.

भिलाई: डॉक्टर के देरी आने पर मरीज के स्वजनों ने किया हंगामा

इस बीच, भिलाई से खबर है कि भिलाई इस्पात संयंत्र के सेक्टर- 9 स्थित अस्पताल में भर्ती एक मरीज के स्वजनों ने विगत दिनों अस्पताल में जमकर हंगामा किया। लोहे के टेबल को नर्सिंग स्टेशन में ले जाकर फेंक दिया। टेबल फेंकने से अस्पताल की अटेंडेंट व नर्स और सफाई कर्मियों को चोटें आई है।

इस मामले में प्रबंधन द्वारा हंगामा मचाने वालों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने से अस्पताल के कर्मचारियों में नाराजगी है। संयंत्र के सबसे बड़े अस्पताल सेक्टर-9 अस्पताल भिलाई के बी-1 वार्ड के बेड नंबर तीन में भर्ती मरीज ललिता बाई(53) के स्वजनों ने 13 दिसंबर की रात पाली में अस्पताल में खूब हंगामा मचाया।

बताया जा रहा है कि मरीज के स्वजनों ने डॉक्टर को बुलाया था। चूंकि उस दिन आपातकालीन ड्यूटी नहीं रहती है, इसलिए जो डॉक्टर वार्ड में थे, वे दूसरे वार्ड में मरीज को देखने गए थे। इस दौरान बी-1 वार्ड में भर्ती मरीज के स्वजनों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया।

इनके द्वारा वार्ड में मरीज के बिस्तर के पास रखे लोहे के टेबल को नर्सिंग स्टेशन में ले जाकर फेंक दिया गया। इससे वहां बैठी अटेंडेट गुंजन के सिर में काफी चोंटे आई है। इसके अलावा प्रशिक्षु नर्स दीपाली वर्मा और सफाई कर्मी उमा देवी को भी चोटें आई है। इन्हें तत्काल केजुअल्टी ले जाया गया, लेकिन पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन द्वारा हंगामा करने वालों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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