रायपुर

CGPSC Exam 2024: फर्जी अभ्यर्थियों को पकड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करेगा CGPSC, फोटो-वीडियो से पता चलेगी असली पहचान

CGPSC Exam 2024: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थियों को पकड़ने के लिए एआई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इसकी शुरुआत सितंबर में हुई भर्ती परीक्षा से हो चुकी है.....

रायपुर,CGPSC Exam 2024:  छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) अब फर्जी अभ्यर्थियों का पता लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद लेगा। परीक्षाओं में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को रोकने के लिए आयोग ने एआई के इस्तेमाल की व्यवस्था शुरू की है.इस प्रक्रिया में किसी दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने वाले व्यक्ति को परीक्षा के दौरान लाइव वीडियो और फोटो के माध्यम से आसानी से पकड़ा जा सकता है। परीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र के क्यूआर कोड की स्कैनिंग और बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से अभ्यर्थियों का ऑनलाइन सत्यापन भी अनिवार्य कर दिया गया है।

CGPSC Exam 2024: 16 केंद्रों में किया गया सफल प्रयोग

सीजीपीएससी की 2021 की परीक्षा में भाई-भतीजावाद के आरोप लगने के बाद पीएससी ने यह तरीका अपनाया है। इसका पहला प्रयोग परिवहन विभाग की उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा में एक सितंबर को 16 केंद्रों में किया जा चुका है, जो सफल रहा।बता दें कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, सचिव जीवन किशोर ध्रुव समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ गड़बड़ी करने के आरोप में सीबीआई जांच चल रही है।

यूपीएससी की तरह पारदर्शी बनाएंगे

सीजीपीएससी की परीक्षाओं को यूपीएससी की तरह ही पारदर्शी बनाएंगे। हमारी सरकार का यह उद्देश्य है कि यह व्यवस्था पूरी तरह से निष्पक्ष हो। इस दिशा में हम काम कर रहे हैं। -विजय शर्मा, उपमुख्यमंत्री व मंत्री, तकनीकी शिक्षा।

CGPSC Exam 2024: परीक्षा में ऐसे काम करेगी एआई तकनीक

एआई आधारित तकनीक से उपस्थित अभ्यर्थी की परीक्षा कक्ष में खींची गई तस्वीर और अभ्यर्थी द्वारा ऑनलाइन आवेदन के समय अपलोड की गई तस्वीर का 102 बिंदुओं को आधार बनाकर मिलान किया जाएगा।इस दौरान अपलोड दोनों तस्वीरों में अंतर मिलने पर परीक्षा कक्ष में खींची गई तस्वीर का देशभर में पूर्व में आयोजित परीक्षाओं में शामिल लगभग पांच लाख अभ्यर्थियों की तस्वीर से मिलान करने की व्यवस्था है। इसके अलावा आधार प्रमाणीकरण की व्यवस्था भी लागू कर दी गई है।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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