भोपाल, Chaitra Navratri 4th Day: आज चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन है. देशभर में नवरात्रि का पावन त्योहार मनाया जा रहा है. नवरात्रि के दौरान देवी मां के नौ रूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है। मां कुष्मांडा की पूजा करने से सभी रोग और दोष नष्ट हो जाते हैं। नवरात्रि के चौथे दिन की अधिष्ठात्री देवी देवी कुष्मांडा हैं।
आज देवी मां के भक्त सुबह से ही देवी मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं
माता कुष्मांडा की आरती के लिए सुबह से ही प्रदेश भर के मंदिरों में भीड़ उमड़ पड़ी है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, चौथे दिन देवी कुष्मांडा की पूजा करने वाले भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भक्तों को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके सा ही अगर छात्र देवी कुष्मांडा की पूजा करते हैं तो उनकी बुद्धि बढ़ती है। दुर्गा माता के चौथे स्वरूप में मां कूष्मांडा भक्तों की रोग, शोक, विनाश से रक्षा करती हैं।
जानें मां कूष्मांडा की पूजा विधि
- सबसे पहले स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
- इसके बाद मां कूष्मांडा का ध्यान कर उनको धूप, गंध, अक्षत्, लाल पुष्प, सफेद कुम्हड़ा, फल, सूखे मेवे और सौभाग्य का सामान अर्पित करें।
- इसके बाद मां कूष्मांडा को भोग लगाएं। आप फिर इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकते हैं।
- मां का अधिक से अधिक ध्यान करें।
- पूजा के अंत में मां की आरती करें।
मां कुष्मांडा का भोग
मां कुष्मांडा को कुम्हरा यानी के पेठा सबसे प्रिय है। इसलिए इनकी पूजा में पेठे का भोग लगाना चाहिए. इसलिए आप पेठे की मिठाई भी मां कुष्मांडा को आर्पित कर सकते हैं। इसके अलावा हलवा, मीठा दही या मालपुए का प्रसाद चढ़ाना चाहिए। पूजा के बाद मां कुष्मांडा के प्रसाद को स्वयं भी ग्रहण करे और लोगों में भी वितरित कर सकते हैं।