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Chhattisgarh Updates: लोन धोखाधड़ी का बड़ा खुलासा, महिलाओं के नाम पर बैंकों से निकाले गए लाखों रुपये, दलाल फरार

Chhattisgarh Updates: उरमाल गांव में लोन धोखाधड़ी का खुलासा, 48 महिलाओं के नाम पर 60 लाख से अधिक की ठगी

Chhattisgarh Gariaband News Updates:

उरमाल गांव में लोन धोखाधड़ी का मामला

उरमाल गांव के वार्ड 03 और 04 की निवासी जानकी बाई, सकुंतला, हिरादी, गजुला, हराबती, दुशिला और अन्य महिलाओं ने देवभोग थाने में लोन धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है। इन महिलाओं का आरोप है कि उनके मोहल्ले के निवासी किशन देवांगन और उनकी पत्नी गोदावरी ने उनके नाम पर लाखों रुपये का लोन निकाल लिया। शिकायत में 48 महिलाओं के नाम की सूची शामिल है, जिनके नाम पर भारत फाइनेंस, स्पंदना, सेटिंन, फ्यूजन जैसे माइक्रो फाइनेंस बैंकों से लोन लिया गया है। महिलाओं का दावा है कि इन 48 महिलाओं के नाम पर कुल 60 लाख रुपये से अधिक का कर्ज लिया गया है।

जांच में खुलासा: उरमाल की महिलाओं से ठगी

जांच के दौरान पता चला कि देवभोग में स्थित माइक्रो फाइनेंस बैंकों को समूह लोन स्वीकृत करने का अधिकार है। जिन महिलाओं के साथ ठगी हुई, वे किसी समूह का संचालन नहीं करती थीं। दलाल ने इन महिलाओं के नाम का इस्तेमाल करके बैंकों से कर्ज लिया और विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग समूहों के नाम का उल्लेख किया। बैंकों ने समूह की गारंटी पर प्रत्येक महिला के नाम पर 40 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक का लोन प्रदान किया। किशन यूनियन बैंक का यूपीआई लेकर ग्राहक सेवा केंद्र चलाता था और महिलाओं के खातों में जमा राशि को अपने घर बुलाकर निकाल लेता था। महिलाओं को कभी भी धनराशि का विवरण नहीं बताया गया, जिससे ठगी का शिकार महिलाएं यह नहीं जान सकीं कि उनके नाम पर कितनी राशि निकाली गई है।

माइक्रो फाइनेंस बैंकों की लापरवाही

2018 से क्षेत्र में माइक्रो फाइनेंस बैंक संचालित हो रहे हैं, जिन्होंने अब तक 16 हजार महिलाओं को साप्ताहिक, द्विसाप्ताहिक और मासिक किस्तों पर लोन प्रदान किया है। ये लोन 23 से 25 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर दिए गए हैं। बैंकों ने दलालों के माध्यम से लेन-देन शुरू किया है, लेकिन वे यह सुनिश्चित नहीं कर रहे कि दी गई राशि वास्तव में महिला समूह या महिलाओं द्वारा उपयोग की जा रही है या नहीं।

कम ब्याज दर पर सरकारी लाभ का सवाल

पंजीकृत महिला समूहों को सरकारी योजनाओं के तहत कम ब्याज दर पर लोन मिल रहा है। इसके बावजूद, निजी बैंकों से लोन लेने वाली 16 हजार महिलाओं का रहस्य स्पष्ट नहीं है। इस मामले की गहन जांच से कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं।

बैंकों का बयान

बैंकों ने ठगी के आरोपों में अपनी या किसी कर्मी की संलिप्तता को नकारा है। भारत फाइनेंस के शाखा मैनेजर रजत चंद्राकर, स्पंदना के मैनेजर विजय नाथ और समस्ता बैंक के कस्टमर रिलेशनशिप ऑफिसर मुकेश नायक ने बताया कि किशन सेंटर से नियमित रूप से किश्त की राशि जमा होती है। उन्होंने कहा कि किशन सेंटर 30 से 40 महिलाओं के लोन लेन-देन का प्रबंधन करता है और सभी लोन पेपर व एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर और फोटो लगे हुए हैं। बैंकों ने स्पष्ट किया कि लोन की राशि पूरी प्रक्रिया का पालन करके जारी की गई है और सभी खातों में समय पर राशि जमा की जाती रही है।

 

 

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