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Chhattisgarh Cabinet Decision: छत्तीसगढ़ को मिलेगा नया टाइगर रिजर्व, जानें क्या है सरकार की प्लानिंग, कितना बड़ा होगा पार्क

Chhattisgarh Cabinet Decision: छत्तीसगढ़ को जल्द ही नया टाइगर रिजर्व मिलने वाला है. इससे यहां पर्यटन बढ़ेगा और लोगों को रोजगार मिलेगा. राज सरकार ने कैबिनेट में ये फैसला लिया. इस अभ्यारण्य के लिए गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला अभयारण्य के क्षेत्रों को जोड़ा जाएगा।

Chhattisgarh Cabinet Decision:

छत्तीसगढ़ सरकार की कैबिनेट बैठक 7 अगस्त को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित की गई. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में एक अहम फैसला लिया गया. कैबिनेट ने फैसला किया कि सरकार गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व बनाएगी. इस तरह राज्य को एक नया टाइगर रिजर्व मिल जायेगा. राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक की अनुशंसा को कैबिनेट ने स्वीकार कर लिया है.इस अभ्यारण्य के लिए मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर जिले में स्थित गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला अभयारण्य के क्षेत्र शामिल होंगे। यह रिजर्व 2829.387 वर्ग किमी में बनाया जाएगा।

जल्द ही इसकी अधिसूचना जारी हो सकती है. इसके गठन के लिए वन-जलवायु परिवर्तन विभाग को अधिकृत किया गया है. सरकार का मानना ​​है कि इस टाइगर रिजर्व के बनने से राज्य में इको-टूरिज्म का विकास होगा. इसके अलावा, गाइड, पर्यटक वाहन,रिसॉर्ट के संचालन के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के रोजगार का सृजन होगा. इससे राज्य में पर्यटन का विकास होगा. अन्य राज्यों की तरह यहां भी लोग बाघ देखने आएंगे।

सीएम साय ने यह बयान दिया

इसे लेकर सीएम विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया पर बयान भी जारी किया. उन्होंने कहा, ‘आज हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान 2829.387 वर्ग किमी क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा, जिसमें गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला अभयारण्य के क्षेत्र भी शामिल हैं. मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में। -तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व बनाया जाएगा. इससे राज्य में इको-टूरिज्म का विकास होगा और विभिन्न प्रकार के रोजगार भी पैदा होंगे।

जगदलपुर के अस्पताल में नया किचन

वहीं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कहा, ‘मरीजों को गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने के लिए जगदलपुर के महारानी अस्पताल परिसर में प्रदेश की पहली अन्नपूर्णा रसोई का निर्माण किया गया है. जहां प्रतिदिन लगभग 500 मरीजों एवं अन्य लोगों के लिए स्वास्थ्यवर्धक एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन की व्यवस्था की जा रही है। इस रसोई का संचालन मां दंतेश्वरी महिला स्व-सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है। हमारी सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए लगातार प्रयास कर रही है।

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