रायपुर

Chhattisgarh Launches Skill Initiative: साई सरकार छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में आदिवासी बच्चों को रोबोटिक्स और एआई सिखाएगी

Chhattisgarh Launches Skill Initiative: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित और आदिवासी इलाकों में शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक नई महत्वपूर्ण योजना शुरू की है। इस योजना के तहत राज्य सरकार ने मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से सरकारी स्कूलों में एकीकृत कौशल शिक्षा पाठ्यक्रम चलाने के लिए तीन साल का अनुबंध किया है।

Chhattisgarh Launches Skill Education Initiative

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार ने नक्सल प्रभावित और आदिवासी इलाकों में शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। इधर, सरकार ने मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के साथ मिलकर राज्य भर के सरकारी स्कूलों में एकीकृत कौशल शिक्षा पाठ्यक्रम चलाने के लिए तीन साल का अनुबंध किया है।

यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) 2023 के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य छात्रों को आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करना है। आदिवासी क्षेत्रों में बच्चों के कौशल विकास के लिए भारत सरकार ने “नियाद नेल्लानार योजना” शुरू की है। जिसका हिंदी में मतलब होता है “आपका अच्छा गांव”।

इसके तहत आदिवासियों को शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं. योजना के तहत नक्सल प्रभावित इलाकों में एक ही स्थान पर कैंप स्थापित कर पांच किलोमीटर के दायरे के गांवों में सभी तरह की सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं.

ऐसे चलेगा कौशल विकास कार्यक्रम

स्कूल शिक्षा विभाग ने बच्चों के कौशल विकास के लिए मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन से समझौता किया है। समझौते के तहत, पहले दो शैक्षणिक वर्षों में 800 सरकारी स्कूलों में कौशल शिक्षा लागू की जाएगी। इस अवधि के दौरान, 1,600 शिक्षक कक्षा VI से 10 तक के 40,000 छात्रों को कौशल और जीवन कौशल की शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।

कार्यक्रम शुरुआत में कांकेर और कोंडागांव में शुरू होगा। बाद में इसे राज्य के सभी 33 जिलों में विस्तारित करने की योजना है। मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के सीईओ जयंत रस्तोगी ने किशोरों के सशक्तिकरण और विकास के लिए कौशल शिक्षा को लेकर सरकार के साथ एक योजना बनाई है।

सीएम साय ने आदेश दिया है कि आदिवासी बच्चों की सांस्कृतिक पहचान बनाए रखने और शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए उन्हें प्राथमिक शिक्षा उनकी मातृभाषा में प्रदान की जाए. ऐसे में मातृभाषा जानने वाले स्थानीय शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी.

स्कूल शिक्षा सचिव का विशेष जोर

राज्य के स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने छात्रों को आधुनिक चुनौतियों के लिए तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमारे पाठ्यक्रम रचनात्मक और नौकरी-उन्मुख होंगे, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि 12वीं के बाद स्कूल से निकलने वाले युवाओं को नौकरी के बेहतर अवसर मिलें और वे खुद को समकालीन जरूरतों के अनुसार ढाल सकें।

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