Delhi Coaching Accident: दिल्ली कोचिंग हादसे की जांच गृह मंत्रालय की कमेटी करेगी, LG ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया.

Delhi Coaching Accident: कोचिंग हादसे को लेकर देश में राजनीति गरमा गई है. दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में राउज आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट....

नई दिल्ली,Delhi Coaching Accident: कोचिंग हादसे को लेकर देश में राजनीति गरमा गई है. दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में राउज आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में स्थित लाइब्रेरी में हुए हादसे की जांच के लिए गृह मंत्रालय ने एक कमेटी गठित की है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए 5 सदस्यों की एक जांच कमेटी बनाई है जो 30 दिन में रिपोर्ट सौंपेगी. इस बीच, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कोचिंग सेंटर में जलभराव की घटना में जान गंवाने वाले छात्रों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की. मुझे बताओकि इस मामले में आज आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई होगी।आपको बता दें कि कोचिंग सेंटर बिल्डिंग के ‘बेसमेंट’ में पानी भरने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत के मामले की जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अतिरिक्त सचिव के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि समिति कारणों की जांच करेगी, जिम्मेदारी तय करेगी, सुझाव देगी और नीति में बदलाव की सिफारिश करेगी.

Delhi Coaching Accident:  आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव के अलावा,

समिति में दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव (गृह), दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त और अग्निशमन सलाहकार सदस्य होंगे तथा गृह मंत्रालय में एक संयुक्त सचिव इसके संयोजक होंगे। प्रवक्ता ने बताया कि समिति 30 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। मध्य दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में एक कोचिंग सेंटर के ‘बेसमेंट’ में शनिवार रात बारिश के बाद पानी भर जाने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत हो गई थी।

दिल्ली पुलिस ने कोचिंग सेंटर ‘राव आईएएस स्टडी सर्किल’ के मालिक और समन्वयक को गिरफ्तार कर लिया है और उन पर गैर इरादतन हत्या व अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है। घटना की गूंज सोमवार को संसद में भी सुनाई दी और सदस्यों ने मांग की कि जिम्मेदारी तय की जाए, ताकि ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।

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