जिस मां ने नौ माह तक कोख में रखकर जन्म दिया, उसी मां की उसके नशेड़ी बेटे ने बेरहमी से हत्या कर दी। यह घटना जगदलपुर के नयापारा आड़ावल में हुई. आरोपी रिक्की दास (29) ने खाना देने आयी मां चपला दास (60) और उसके चचेरे भाई देवानंद (30) के सिर पर लोहे के पाइप से कई वार किये, जिससे देवानंद की मौके पर ही मौत हो गयी. उनकी मां चपला को गंभीर रूप से घायल हालत में मेकाज में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. पुलिस ने देर रात आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
एएसपी महेश्वर नाग ने बताया कि नकटी सेमरा मार्ग नयापारा आड़ावल निवासी रिक्की दास पहले बस कंडक्टर का काम करता था। पहले वह अपनी मां, पत्नी और बच्चों के साथ हाटकचोरा के पास रहता था। आरोपी शराब, गांजा और ड्रग्स का सेवन करते थे. उसकी आदतों से तंग आकर आठ साल पहले उसकी पत्नी बच्चों समेत उसे छोड़कर चली गई थी।
तीन साल पहले उनकी मां ने आड़ावल कोल्ड स्टोरेज के पीछे एक कमरे के मकान में उनके रहने की व्यवस्था की थी. सोमवार की शाम रिक्की दास को राशन देने के लिए उसकी मां चपला दास अपनी बहन के बेटे देवानंद हीरा निवासी मलकानगिरी, ओडिशा हाल हटकचोरा के साथ बाइक से रिक्की दास के घर पहुंची थी। इसी बीच आरोपी पुरानी बातों को लेकर मां से विवाद करने लगा। भाई देवानंद ने उन्हें शांत रहने को कहा. जिस पर आरोपी ने कमरे में रखे लोहे के पाइप से दोनों पर हमला कर दिया।
आरोपी तनाव में था
आड़ावल नयापारा के निवासियों ने बताया कि रिक्की दास लंबे समय से अकेलेपन के कारण अवसादग्रस्त था। पत्नी और बच्चों से संपर्क नहीं रहता था. किसी भी तरह का काम न करने के कारण वह आर्थिक तंगी का भी शिकार थे। नशे का आदी था. मोहल्ले के लोगों से भी उसके सामान्य संबंध नहीं थे. पैसे मांगने को लेकर वह अक्सर अपनी मां से झगड़ा करता था।
एक्सपर्ट व्यू: इलाज और काउंसलिंग जरूरी
अकेलापन, शराब, मारिजुआना या अन्य उत्तेजक पदार्थों का अधिक सेवन अवसाद के मुख्य कारण हैं। जब दिमाग नशे का आदी हो जाता है. ऐसे में खुराक न मिलने पर नशे का आदी व्यक्ति मानसिक रूप से असामान्य हो सकता है। विवेक की कमी की स्थिति में वह गंभीर अपराध कर सकता है। ऐसे व्यक्ति को मानसिक परामर्श और आवश्यक उपचार की आवश्यकता होती है। परिजन को स्पर्श क्लीनिक एवं मनोचिकित्सक से इलाज कराना चाहिए। -डॉ ऋषभ साव